दक्षिण भारत के आर्टिकल्स

केरल – शांति और ईश्वर का निवास

केरल – शांति और ईश्वर का निवास

महानगर की भाग-दौड और कोलाहल से दूर केरल में हमारा पहला पडाव था एर्नाकुलम। कोच्चि से सटे इस छोटे लेकिन बेहद अहम् शहर में फैमिली फ्रेंड वासु के यहां ठहरना हुआ। केरल की विशुद्ध संस्कृति से रू-ब-रू होने का यह पहला मौका था। डोसा,... आगे पढ़े

केरल पर्व – ओणम (Onam Indian Festival )

केरल पर्व – ओणम (Onam Indian Festival )

भारत एक रंग-बिरंगा देश है. यहां की भौगोलिक स्थिति जितनी रंगारंग है उतनी ही विविधता इसके त्योहारों में भी है. भारत के कोने-कोने में मनाएं जाने वाले सांस्कृतिक त्योहारों की रंगीन तस्वीर देखते ही बनती है. इसी क्रम में केरल का ओणम... आगे पढ़े

मानसून में मन को क्यों मारे....घूमें- फिरें और मस्ती करें

मानसून में मन को क्यों मारे….घूमें- फिरें और मस्ती करें

मानसून में अधिकतर लोग बाहर निकलने से बचते हैं. किसी को बाहर भीगने का डर लगता है तो किसी को सर्दी का डर लगता है. अधिकतर लोगों को बारिश में सिर्फ नहाना पसंद है. कहीं घूमने के नाम पर यह डर सताता है कि कहीं कीचड़ में सन गए या बारिश में... आगे पढ़े

विविध रंग कर्नाटक के

विविध रंग कर्नाटक के

भारत के बागों का शहर (गार्डेन सिटी) के नाम से मशहूर बेंगलूर देश की सूचना तकनीकी राजधानी भी है। यह परंपरागत द्रविड व आधुनिक वास्तुकला के बेजोड मेल का उत्कृष्ट नमूना है। बेंगलूर से 150 किमी दूर मैसूर भव्य महलों, विशाल क्षेत्र में... आगे पढ़े

सावन के झूले और नौकाओं की रेस

सावन के झूले और नौकाओं की रेस

श्रावणी तीज, जयपुर, राजस्थान सावन के भीगे-भीगे महीने की मौजमस्ती, चारों तरफ हरियाली और पेड़ों पर लगे झूले। तीज की बात ही निराली है। खास तौर पर महिलाओं का त्योहार। धार्मिक महत्व की बात की जाए तो देवी पार्वती के प्रति आस्था का... आगे पढ़े

होगेनक्कल: धुआं देते पत्थर

होगेनक्कल: धुआं देते पत्थर

होगेनक्कल तमिलनाडु का एक स्तब्ध कर देने वाला सौंदर्य बिंदु है। दूर से ही इसकी गर्जना हमें अपनी ओर बुलाती है। पथरीले तटों के मध्य बहती हुई कावेरी नदी की यह गर्जना होगेनक्कल में व्याप्त है। यद्यपि यह क्षेत्र सामान्यतया सूखा... आगे पढ़े

कहीं फूलों का जलसा कहीं नावों का

कहीं फूलों का जलसा कहीं नावों का

पेनांग फ्लोरल फेस्टिवल- पेनांग, मलेशिया पेनांग का बोटोनिकल गार्डन दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे खूबसूरत माना जाता है। यह 72 एकड़ में फैला है और यह 19वीं सदी के आखिरी सालों में अंग्रेजों ने बनवाया था। इतने बड़े उद्यान को ढंग से देखने... आगे पढ़े

केरल: प्रकृति का नायाब तोहफा

केरल: प्रकृति का नायाब तोहफा

रोजमर्रा की दौड़भाग वाली जिंदगी की थकान मिटानी है या फिर शादी के बंधन में बंधने के बाद भविष्य के सपने संजाने हैं, तो केरल आईए। जन्नत सरीखी इस जगह के अनुभव किसी को भी ताउम्र याद रहेंगे। समंदर का जो रू प केरल में है वह शायद हिंदुस्तान... आगे पढ़े

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