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मानसून में अधिकतर लोग बाहर निकलने से बचते हैं. किसी को बाहर भीगने का डर लगता है तो किसी को सर्दी का डर लगता है. अधिकतर लोगों को बारिश में सिर्फ नहाना पसंद है. कहीं घूमने के नाम पर यह डर सताता है कि कहीं कीचड़ में सन गए या बारिश में फंस गए तो क्या होगा. पर बारिश में यह डर सिर्फ कुछ लोगों को लगता है कुछ के लिए तो बारिश होती ही घूमने के लिए है. बारिश की मस्ती में नहाने का अंदाज ही अलग होता है.
मानसून में घूमने की तो बहुत सारी जगहें हैं लेकिन इस मौसम में ऐसे स्थानों का चुनाव अच्छा रहता है जहां ज्यादा बारिश न हो रही हो जैसे राजस्थान आदि. इसके साथ यह कहना भी गलत नहीं होगा कि केरल जैसे राज्यों में घूमने का सर्वोत्तम मौसम भी मानसून का ही है. आइए जानते हैं ऐसी ही जगहो के बारे में जहां बरसात में घूमने से मजा दुगना हो सकता है.
केरल भीगे मौसम में अलग ही है मजा
केरल में घूमने का मजा तब और भी ज्यादा हो जाता है जब बरसात हो रही हो. केरल चारों तरफ से जंगल, नयनाभिराम पर्वत शिखर, वेगवती नदियां, समुद्री झीलें और ताल-तलैया, झरने और सुरम्य सागरतट तथा जबर्दस्त हरियाली से भरा-पूरा है. केरल को ऐसे मौसम में देख कर तो ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने अपनी पूरी हथेली यहां खोल दी हो. सागर तट हो या नदी की चाल हर तरफ पानी ही पानी. इसके साथ ही आप केरल में पर्यटन के साथ स्वास्थ्य पर्यटन का भी लाभ उठा सकते हैं.
भीमाशंकर
यह एक देवस्थल है जो अम्बेगांव जिले में मुम्बई से 265 किलोमीटर और पुणे से सौ किलोमीटर दूर है. यहां ‘ट्रैकर्स’ और शिवभक्तों की भीड़ रहती है. फिर भी यह एक शांत और दिल को खुश करने वाली जगह है. भक्ति और प्राकृतिक सौन्दर्य से भरी इस जगह में रोमांच का तड़का भी है.
गोवा
गोवा भारत का सबसे ज्यादा खूबसूरत समुद्र तट है. एक ऐसी जगह जहां देश के ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग घूमने आते हैं. अगर आप गर्मी में यहां जाएंगे तो भीड़ मजा खराब कर देगी और सर्दी में सर्द हवाएं इसलिए मानसून सबसे उपयुक्त मौसम है गोवा की सैर के लिए. गोवा के बेहतरीन बीच की लंबी कतार कलंगुट बीच से लेकर बागा बीच, मीरामार बीच, दोनापाउला और कोलवा बीच तक फैली है जहां मानसून के वक्त पर्यटक विशेष तौर पर आते हैं. लेकिन यह नहीं कि यहां मात्र समुद्र तट ही है बल्कि यह शहर अपने मशहूर चर्चों और मंदिरो के लिए भी प्रसिद्ध है.
इसके साथ ही बरसात में आप तमिलनाडु, जयपुर, उदयपुर जैसी जगहों पर भी घूमने जा सकते हैं. इन सब जगहों पर आप बरसात के सुहाने मौसम में जिस शांति की तलाश कर रहे हैं जरुर मिलेगी.
यह तो बात हुई कि किन जगहों पर आपको घूमना फायदेमंद होगा इसके साथ ही आपके लिए हम कुछ यात्रा टिप्स भी दे रहे हैं जो आपके इस अनुभव को और मीठा बना देंगे.
कैसा हो खानपान
बरसात में सबको खाने-पीने का बड़ा शौक होता है. बाहर की तली-भुनी चीजें आपके स्वाद को तो पूरा कर देती हैं लेकिन सेहत की हालत खराब कर देती हैं. इसलिए सबसे पहले अपनी भोजन संबंधी आदतों में बदलाव लाएं. बाहरी चीजों को तो ना ही कह दें.
पानी जरा संभल कर
खाने के साथ पीने का पानी इस मौसम में सबसे अधिक संक्रमित होता है. अगर आप किसी दूसरे शहर जा रहे हैं तो सबसे उपयुक्त होगा मिनरल वाटर या सील बंद पानी पीना. क्योंकि बरसात में डायरिया, हैजा, पीलिया और बुखार जैसी अधिकतर बीमारियां पानी के ही कारण होती हैं. इनसे बचने के लिए आप अपने साथ पानी लेकर चलें और रास्ते में जगह-जगह का पानी पीने से बचें. यात्रा के दौरान तरल पदार्थ कम ही लें. रोस्टेड नमकीन या भेलपूरी जैसे ड्राई फूड ही लें
होटल में रखें सावधानी
होटल आदि में रुकने के दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि रात का खाना देर से न हो और खाने के बाद कुछ देर टहलें जरुर. खाना खाने के बाद टहलने से आपमें सुस्ती नहीं आएगी और स्फूर्ति बनी रहेगी.
कुछ उपयोगी सामान
अगर आप मानसून में किसी दूसरे शहर घूमने जा रहे हैं तो कुछ विशेष चीजें जैसे उस शहर का मानचित्र, बरसाती, छाते, एक टार्च, कुछ दवाइयां जैसे पेट की और सर दर्द की आदि अपने पास जरुर रखें.
इन बातों का ध्यान रख आप मानसून में घूमने का मजा तो उठा ही सकते हैं साथ ही साथ परेशानियों से दूरी भी बनाए रख सकते हैं.
4 Responses to “मानसून में मन को क्यों मारे….घूमें- फिरें और मस्ती करें”