धर्म-संस्कृति व त्योहार के आर्टिकल्स

सांची: बौद्ध कला की बेमिसाल कृतियां

सांची: बौद्ध कला की बेमिसाल कृतियां

सांची के स्तूप दूर से देखने में भले मामूली अर्ध गोलाकार संरचनाएं लगें लेकिन इसकी भव्यता, विशिष्टता व बारीकियों का पता सांची आकर देखने पर ही लगता है। इसीलिए देश-दुनिया से बड़ी संख्या में बौद्ध मतावलंबी, पर्यटक, शोधार्थी, अध्येता... आगे पढ़े

मस्ती का शहर म्यूनिख

मस्ती का शहर म्यूनिख

यूरोप महाद्वीप के मध्य में स्थित है। जर्मनी और भौगोलिक स्थिति के कारण यह देश यूरोप का दिल कहलाता है। इस संघीय गणराज्य में सोलह प्रांत हैं जिनमें बावेरिया [बार्यन] प्रांत सबसे बड़ा है। देश के दक्षिण में स्थित इस प्रांत की राजधानी... आगे पढ़े

बुंदेलखंड की अयोध्या है ओरछा

बुंदेलखंड की अयोध्या है ओरछा

ओरछा को दूसरी अयोध्या के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां पर रामराजा अपने बाल रूप में विराजमान हैं। यह जनश्रुति है कि श्रीराम दिन में यहां तो रात्रि में अयोध्या विश्राम करते हैं। शयन आरती के पश्चात उनकी ज्योति हनुमानजी को... आगे पढ़े

चलो कुछ नया हो जाए

चलो कुछ नया हो जाए

स्पाल्डिंग फ्लावर फेस्टिवल, स्पि्रंगफील्ड्स, स्पाल्डिंग, इंग्लैंड फूलों का यह जलसा 1959 में शुरू हुआ था। हर साल ढाई लाख से ज्यादा लोग इसमें शिरकत करते हैं। इसे खास ट्यूलिप फूलों का जश्न भी कहा जा सकता है। इस मौके पर निकलने वाली... आगे पढ़े

चीन: दीवार के पार  का सौंदर्य

चीन: दीवार के पार का सौंदर्य

चीन कई मायनों में भारतीय संस्कृति का सहोदर है। भारत और चीन को जोड़ने वाले सबसे बड़े सूत्र हैं-भगवान बुद्ध। बुद्ध के प्रति पूरे चीन में जिस तरह की आस्था है, वहां के नागरिकों के भारतीयों के प्रति व्यवहार में उसका प्रतिबिंब झलकता... आगे पढ़े

देखने चलें अतीत के  जनजीवन को

देखने चलें अतीत के जनजीवन को

संग्रहालय कहीं न कही हमारी संस्कृति का प्रतिबिंब होते हैं इसलिए उनका पर्यटन महत्व कम नहीं होता। कभी संग्रहालय इतिहास, पुरातत्व, मानव विज्ञान विषयों तक ही सीमित थे लेकिन बीसवीं सदी में जब नए-नए विषयों को लेकर व्यवस्थित रूप... आगे पढ़े

किब्बर: चलें हिमाचल के सबसे ऊंचे गांव

किब्बर: चलें हिमाचल के सबसे ऊंचे गांव

हिमाचल में स्तिथ किब्बर की धरती पर बारिश का होना किसी अजूबे से कम नही होता। बादल यहां आते तो हैं लेकिन शायद इन्हें बरसना नहीं आता और ये अपनी झलक दिखाकर लौट जाते हैं। एक तरह से बादलों को सैलानियों का खिताब दिया जा सकता है जो घूमते,... आगे पढ़े

हिमालय से एकाकार  कराता है चोपता तुंगनाथ

हिमालय से एकाकार कराता है चोपता तुंगनाथ

उत्तराखंड की हसीन वादियां किसी भी पर्यटक को अपने मोहपाश में बांध लेने के लिए काफी है। कलकल बहते झरने, पशु-पक्षी ,तरह-तरह के फूल, कुहरे की चादर में लिपटी ऊंची पहाडि़या और मीलों तक फैले घास के मैदान, ये नजारे किसी भी पर्यटक को स्वप्निल... आगे पढ़े

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