हिमालय से एकाकार कराता है चोपता तुंगनाथ

  • SocialTwist Tell-a-Friend

उत्तराखंड की हसीन वादियां किसी भी पर्यटक को अपने मोहपाश में बांध लेने के लिए काफी है। कलकल बहते झरने, पशु-पक्षी ,तरह-तरह के फूल, कुहरे की चादर में लिपटी ऊंची पहाडि़या और मीलों तक फैले घास के मैदान, ये नजारे किसी भी पर्यटक को स्वप्निल दुनिया का एहसास कराते हैं..चमोली की शांत फिजाओं में ऐसा ही एक स्थान है-चोपता तुगंनाथ। बारह से चौदह हजार फुट की ऊंचाई पर बसा ये इलाका गढ़वाल हिमालय की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। जनवरी-फरवरी के महीनों में आमतौर पर बर्फ की चादर ओढ़े इस स्थान की सुंदरता जुलाई-अगस्त के महीनों में देखते ही बनती है। इन महीनों में यहां मीलों तक फैले मखमली घास के मैदान और उनमें खिले फूलों की सुंदरता देखने लायक होती है। इसीलिए अनुभवी पर्यटक इसकी तुलना स्विट्जरलैंड से करने में भी नहीं हिचकते। सबसे खास बात ये है कि पूरे गढ़वाल क्षेत्र में या अकेला क्षेत्र है जहां बस द्वारा बुग्यालों (ऊंचाई वाले स्थानों पर मीलों तक फैले घास के मैदान) की दुनिया में सीधे प्रवेश किया जा सकता है। यानि यह असाधारण क्षेत्र श्रद्धालुओं और सैलानियों की साधारण पहुंच में है।  ऋषिकेश से गोपेश्वर या फिर ऋषिकेश से ऊखीमठ होकर यहां पहुंचा जा सकता है। ये दोनों स्थान बेहतर सड़क मार्ग से जुड़े हुए हैं। गोपेश्वर से चोपता चालीस किलोमीटर और ऊखीमठ से चौबीस किलोमीटर की दूरी पर है।

मई से नवंबर तक यहां कि यात्रा की जा सकती है। हालांकि यात्रा बाकी समय में भी की जा सकती है लेकिन बर्फ गिरी होने की वजह से मोटर का सफर कम और ट्रैक ज्यादा होता है। जाने वाले लोग जनवरी व फरवरी के महीने में भी यहां की बर्फ की मजा लेने जाते हैं। स्विट्जरलैंड का अनुभव करने के लिए तो यह जरूरी है ही। यह पूरा पंचकेदार का क्षेत्र कहलाता है। ऋषिकेश से श्रीनगर गढ़वाल होते हुए अलकनंदा के किनारे-किनारे सफर बढ़ता जाता है। रुद्रप्रयाग पहुँचने पर यदि ऊखीमठ का रास्ता लेना है तो अलकनंदा को छोड़कर मंदाकिनी घाटी में प्रवेश करना होता है। यहां से मार्ग संकरा है। इसलिए चालक को गाड़ी चलाते हुए काफी सावधानी बरतनी होती है। मार्ग अत्यंत लुभावना और खूबसूरत है। आगे बढ़ते हुए अगस्त्य मुनि नामक एक छोटा सा कस्बा है जहां से हिमालय की नंदाखाट चोटी के दीदार होने लगते हैं। चोपता की ओर बढ़ते हुए रास्ते में बांस और बुरांश का घना जंगल और मनोहारी दृश्य पर्यटकों को लुभाते हैं।
तुंगनाथ मंदिर
चोपता समुद्रतल से बारह हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से तीन किमी की पैदल यात्रा के बाद तेरह हजार फुट की ऊंचाई पर तुंगनाथ मंदिर है, जो पंचकेदारों में एक केदार है। सच पूछिए तो चोपता भ्रमण का असली मजा तुंगनाथ जाए बिना नहीं उठाया जा सकता। चोपता से तुंगनाथ तक तीन किलोमीटर का पैदल मार्ग बुग्यालों की सुंदर दुनिया से साक्षात्कार कराता है। यहां पर प्राचीन शिव मंदिर है। इस प्राचीन शिव मंदिर के दर्शन करने के बाद यदि आप हिम्मत जुटा सके  तो मात्र डेढ़ किमी. की ऊंचाई चढ़ने के बाद चौदह हजार फीट पर चंद्रशिला नामक चोटी है.. जहां ठीक सामने छू लेने लायक हिमालय का विराट रूप किसी को भी हतप्रभ कर सकता है।

चारों ओर पसरे सन्नाटे में ऐसा लगता है मानो आप और प्रकृति दोनों यहां आकर एकाकार हो उठे हों। तुंगनाथ से नीचे जंगल की खूबसूरत रेंज और घाटी का जो नजारा उभरता है, वो बहुत ही अनूठा है। चोपता से करीब आठ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद देवहरयिा ताल पहुँचा जा सकता है जो कि तुंगनाथ मंदिर के दक्षिण दिशा में है। इस ताल की कुछ ऐसी विशेषता है जो इसे और सरोवरों से विशिष्टता प्रदान करती है। इस पारदर्शी सरोवर में चौखंभा, नीलकंठ आदि हिमाच्छादित चोटियों के प्रतिबिंब स्पष्ट नजर आने लगते हैं। इस सरोवर का कुल व्यास पांच सौ मीटर है। इसके चारों ओर बांस व बुरांश के सघन वन हैं तो दूसरी तरफ एक खुला सा मैदान है। चोपता से गोपेश्वर जाने वाले मार्ग पर कस्तूरी मृग प्रजनन फार्म भी है।

21febytrp3a08यहां पर पर्यटक कस्तूरी मृगों की सुंदरता को करीब से निहारते हैं। मार्च-अपै्रल के महीने में इस पूरे मार्ग में बुरांश के फूल अपनी अनोखी छटा बिखेरते हैं। जनवरी-फरवरी के महीने में ये पूरा इलाका बर्फ से ढका रहता है। चोपता के बारे में ब्रिटिश कमिश्नर एटकिन्सन ने कहा था कि जिस व्यक्ति ने अपनी जिंदगी में चोपता नहीं देखा उसका इस पृथ्वी पर जन्म लेना व्यर्थ है। एटकिन्सन की यह उक्ति भले ही कुछ लोगों को अतिरेकपूर्ण लगे लेकिन यहां की खूबसूरती बेमिसाल है, इसमें किसी को संदेह नहीं हो सकता। किसी पर्यटक के लिए यह यात्रा किसी रोमांच से कम नहीं है। आप इन दो रास्तों में एक को चुन सकते हैं- ऋषिकेश से गोपेश्वर होकर या ऋषिकेश से ऊखीमठ होकर। ऋषिकेश से ऊखीमठ की दूरी 212 किलोमीटर है और ऋषिकेश से उखीमठ की दूरी 178 किलोमीटर है। गोपेश्वर से चोपता चालीस किलोमीटर और ऊखीमठ से चौबीस किलोमीटर है, जो कि सड़क मार्ग से जुड़ा है।
यातायात सुविधा
ऋषिकेश से गोपेश्वर और ऊखीमठ के लिए बस सेवा उपलब्ध है। इन दोनों स्थानों से चोपता के लिए बस सेवा के अलावा टैक्सी और जीप भी बुक कराई जा सकती है।
आवासीय सुविधाएं
गोपेश्वर और ऊखीमठ, दोनों जगह गढ़वाल मंडल विकास निगम के विश्रामगृह हैं। इसके अलावा प्राइवेट होटल, लॉज, धर्मशालाएं भी हैं जो आसानी से मिल लाती हैं। चोपता में भी आपको आवासीय सुविधा मिल जाएगी यहां पर स्थानीय लोगों की दुकानें हैं।
समय और सीजन
मई से लेकर नवंबर तक यहां की यात्रा थोड़ी आसान है। यात्रा के लिए सप्ताह भर का वक्त काफी है। यूं तो गर्म कपड़े साथ हो चाहे महीने कोई भी हो क्योंकि ऐसी जगह पर हर महीने का अपना रंग है और अपना मजा है।

VN:F [1.9.1_1087]
Rating: 10.0/10 (1 vote cast)
हिमालय से एकाकार कराता है चोपता तुंगनाथ, 10.0 out of 10 based on 1 rating



Leave a Reply

    * Following fields are required

    उत्तर दर्ज करें

     (To type in english, unckeck the checkbox.)

आपके आस-पास

Jagran Yatra