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रिमझिम फुहारें सभी के मन को आह्लादित कर देती हैं। बस हवा के साथ उड़ जाने के लिए मन मचल उठता है। घूमने-फिरने के लिहाज से यह मौसम बहुत ही अच्छा है। ठंडी-ठंडी फुहारें जब हरी-भरी वादियों पर पड़ती हैं तो नजारा देखते ही बनता है, पर इस मौसम का मजा लेने के लिए शरीर को तैयार रखना भी जरूरी है। खास तौर से बरसात के मौसम में जब आपको सफर करना हो तो सबसे पहले अपनी भोजन संबंधी आदतों में बदलाव लाएं। क्योंकि यदि आपने सावधानी नहीं बरती तो कई बीमारियां दस्तक दे सकती हैं।
बाहरी खाने से करें परहेज
क्लीनिक दि रेजुवेनेशन की डायटीशियन शिखा शर्मा बताती हैं कि ऐसे मौसम में खट्टे, तीखे, चटपटे और अधिक मिर्च-मसाले घी, तेल वाले खाद्य पदार्थो के उपयोग से परहेज करना चाहिए। इस मौसम में यात्रा के दौरान तो और भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। क्योंकि संक्रमण की आशंका बरसात के दिनों में ज्यादा होती है। इसलिए जब भी आप कहीं बाहर जाएं तो सफाई का खास ध्यान रखें। जो भी खाएं बाकायदा पैक या सफाई से बनाया गया हो। बाहर की फ्रूट चाट या तली-भुनी चीजों से बचें। क्योंकि इनसे कफ, डैंड्रफ और मुंहासों की समस्या हो सकती है। पूरी तरह पकी हुई चीजें ही खाएं।
सबसे जरूरी है पीने वाला पानी। अगर आप किसी दूसरे शहर में जाती हैं तो या तो उबला हुआ पानी पिएं या फिर सील बंद मिनरल वाटर। क्योंकि बरसात में डायरिया, हैजा, पीलिया और बुखार जैसी अधिकतर बीमारियां पानी के ही कारण होती हैं। इनसे बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर अपने साथ पीने का पानी अवश्य रखें। हर जगह का पानी न पिएं। कोशिश करें कि यात्रा के दौरान तरल पदार्थ कम ही लें। रोस्टेड नमकीन या भेलपूरी जैसे ड्राई फूड ही लें। ज्यादा खट्टी या नमकीन चीजें भी न लें। इससे शरीर में सूजन आने का खतरा रहता है। क्योंकि सिट्रस फल कफ को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
जब किसी होटल में ठहरें
अगर आप बाहर किसी होटल में ठहरते हैं तो यह ध्यान रखें कि ज्यादा देर से डिनर न लें और रात के भोजन के बाद थोड़ी देर जरूर टहलें। ऐसा नहीं करेंगे तो यात्रा की थकान और अनियमित भोजन से इम्यून सिस्टम प्रभावित होगा और एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है। तब आप छुट्टियों और मौसम का भरपूर आनंद नहीं उठा पाएंगे। शरीर की सुस्ती दूर करने के लिए व्यायाम जरूर करें, इससे न केवल आप तरोताजा रहेंगे बल्कि आपका मूड भी अच्छा रहेगा। व्यायाम से पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह तीव्र होता है, काफी हद तक तनाव से भी मुक्ति मिलती है। अगर लंबी यात्रा के कारण पैरों में थकान और सूजन आ गई हो तो पैरों की एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग जरूर करें।
हवाई जहाज से यात्रा करने वाले लोगों को इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि वह यात्रा के दौरान या उससे पहले अल्कोहल न लें। क्योंकि उससे डीहाइड्रेशन का भय रहता है। यात्रा के दौरान दिया जाने वाला भोजन भी ध्यान से खाएं। हेवी फूड न लें। अपनी भूख से थोड़ा कम खाना आपके लिए लाभदायक होगा।
क्या करें जब जी मिचलाए
अक्सर स्त्रियों को यात्रा के दौरान जी मिचलाने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कोशिश करें कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का ठोस आहार न खाएं। हां कोई सिट्रस जूस पी सकती हैं। गर्भवत्री स्ति्रयों को बरसात के मौसम में यात्रा करनी हो तो उनके लिए डॉक्टर की राय बहुत जरूरी है। डॉक्टर की अनुमति के बिना यात्रा बिलकुल न करें। यात्रा के दौरान प्रिजरवेटिव फ्री ऑरेंज जूस पी सकती हैं। चाय-कॉफी, फ्राइड चीजें बिलकुल न खाएं। बाहर के भोजन में आप रोस्टेड चीजें, गर्म-गर्म तंदूरी रोटी, ढोकला, इडली, डोसा या फिर उत्तपम खा सकती हैं।
कोशिश करें कि हर बार बाहर भोजन न करें। अगर ब्रेकफास्ट और लंच होटल के बाहर करें तो डिनर जहां ठहरे हैं वहीं करें या फिर न ही करें। ताकि अपच और एसिडिटी का सामना न करना पड़े। अगर आपको लगता है कि एसिडिटी की समस्या हो गई है तो ऐसे में अच्छी तरह पके केले और नारियल पानी का ही प्रयोग करें। यात्रा के दौरान भूलकर भी दूध या दही का सेवन न करें। थोड़ी सी सावधानी बरतकर और इस सुहाने मौसम का दुगना मजा ले सकते हैं और अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।