गंगा की मौज पर क्रूज का मजा

  • SocialTwist Tell-a-Friend

भारत जैसे समृद्ध इतिहास व संस्कृति वाले देश को देखने व समझने के कई तरीके घुमक्कड़ों के पास हो सकते हैं। लेकिन कई बारे ये तरीके ही इतने मजेदार हो जाते हैं कि लोग जगह के साथ-साथ इनका भी मजा लूटने आते हैं। भारत में सैलानियों के लिए हाउसबोट तो श्रीनगर से लेकर केरल तक कई जगहों पर हैं। लेकिन नदियों में क्रूज का चलन अभी तक बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो पाया है। अब जबकि क्रूजलाइनर भी भारतीय बाजार में जगह बनाने में लगे हुए हैं, मुमकिन है कि नदियों में क्रूज का प्रचलन भी जोर पकड़ने लगे।  इस बार हम बात कर रहे हैं ऐसे ही क्रूज की जो शायद फिलहाल भारत में अपनी तरह का अकेला क्रूज है। कोलकाता से दो क्रूज है- एक मुर्शिदाबाद के लिए और दूसरा सुंदरबन के लिए। दोनों ही क्रूज तीन रात व चार दिन के हैं।

कोलकाता से मुर्शिदाबाद
कोलकाता से मुर्शिदाबाद तक 260 किलोमीटर का सफर गंगा की धारा में तय करना इतिहास, अध्यात्म व प्रकृति का एक सफर है। वहीं विश्वप्रसिद्ध सुंदरबन का क्रूज इको-टूरिज्म, एडवेंचर स्पो‌र्ट्स, आराम व नेचर ट्रैक का एक यादगार अनुभव है। आखिरकार रॉयल बंगाल टाइगर के इस इलाके में ही दुनिया के सबसे अनूठे इको-सिस्टम में से एक आपको देखने को मिलेगा। मजेदार बात यही है कि यह क्रूज तमाम बाकी गतिविधियों का मिला-जुला स्वरूप है। जैसे कि आप सुंदरबन जाएं तो वहां जंगल में पैदल घूमने, एक द्वीप को बनते देखने, मछुआरों की बस्तियों को देखने, वगैरह का मौका भी आपको मिलेगा। संस्कृति की धरोहर दिखाने वाले दूसरे क्रूज का आनंद बिलकुल अलग है। इसमें पहले दिन कोलकाता से रवाना होने के बाद हावड़ा पुल के नीचे से गुजरते हुए नदी के किनारे बने मंदिरों व घाटों, हाउस ऑफ डॉल्स, नीमतोला घाट, काशीपुर में भारत की सबसे पुरानी बंदूक व गोला फैक्टरी को निहारते हुए बेलूर पहुंचते हैं। यहां उतरकर स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित किए गए बेलूर मठ को देखने का मौका मिलता है। शाम ढलते-ढलते सैलानी फिर जहाज पर पहुंच जाते हैं और चंदननगर निकल पड़ते हैं। यह 1950 तक फ्रांस की एक कॉलोनी थी। जाहिर है, कि यहां का हर माहौल फ्रांसीसी होगा। आसपास के इलाके का मजा लेकर जब सैलानी वापस जहाज में पहुंचेंगे तो रात में खाना भी फ्रांसीसी स्वाद का ही मिलेगा। वहां से चलकर जहाज रात बिताने के लिए त्रिवेणी में लंगर डाल देता है।

दूसरे दिन का सफर ग्रामीण बंगाल की खूबसूरती को निहारने का होता है। सवेरे के समय एक इतिहासकार जहाज पर आकर गंगा की अनमोल विरासत के बारे में जानकारी देता है। दोपहर में जहाज मायापुर पहुंचता है जो इस्कॉन का मुख्यालय है। यहां शानदार शाकाहारी भोजन आपका इंतजार कर रहा होता है। हरे कृष्ण संप्रदाय का मानना है कि मायापुर में ही चैतन्य महाप्रभु का जन्म हुआ था इसलिए यह दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी है। साथ ही में नबद्वीप है जो अब नदी के रास्ता बदल लेने से गंगा के पश्चिमी तट पर आ गया है। नबद्वीप को अपनी बौद्धिक परंपरा के लिए एक बंगाल का ऑक्सफोर्ड भी कहा जाता था। चैतन्य महाप्रभु से जुड़े इन दो शहरों की सैर के बाद शान फिर से जहाज पर बीतती है। रात में जहाज हजार द्वारी में लंगर डाल लेता है। मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के सबसे पुराने और संपन्न विरासत वाले शहरों में से है। नवाब मुर्शीद अली खान ने बंगाल, बिहार और उड़ीसा को मिलाकर जो सूबे बांग्ला बनाया था, मुर्शिदाबाद उसकी राजधानी थी। यह बंगाल के आजाद नवाबों की आखिरी और अंग्रेजों के शासन में बंगाल की पहली राजधानी भी रही। तीसरे दिन यात्री हजार द्वारी में उतरकर दिन की शुरुआत खुशबाग में सैर से करते हैं। इसी में बंगाल के आखिरी आजाद नवाब सिराज-उद-दौला का मकबरा है। नाश्ते के लिए लोग जहाज पर लौटते हैं और उसके बाद फिर तरो-ताजा होकर शहर में निकल पड़ते हैं। निजामत किला, हजार द्वारी पैलेस, मोती झील, मुरादबाग पैलेस, म्यूजियम, कटारा मसजिद, नाशीपुरा पैलेस, वगैरह घूमकर सैलानी भोजन के लिए जहाज पर लौटते हैं। मुर्शिदाबाद का सिल्क बहुत लोकप्रिय है। दोपहर बाद का समय उसकी खरीदारी में लगाया जा सकता है। शाम को इस शहर से विदा लेकर प्लासी की लड़ाई के एतिहासिक मैदान की झलक देखते हुए वापसी का सफर शुरू हो जाता है। चौथे दिन सवेरे कालना के प्राचीन टेराकोटा मंदिर देखे जा सकते हैं। चिनसुरा व बंदेल होते हुए कोलकाता में सफर खत्म हो जाता है। थोड़ा महंगा सही, लेकिन यह अनुभव शानदार होगा।  तीन डेक वाला क्रूज जहाज ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराता है। जहाज में 32 एसी कमरे हैं। सैलानियों की देखरेख के लिए 40 लोगों का स्टाफ जहाज पर मौजूद रहता है।

VN:F [1.9.1_1087]
Rating: 7.0/10 (1 vote cast)
गंगा की मौज पर क्रूज का मजा, 7.0 out of 10 based on 1 rating


Leave a Reply

    * Following fields are required

    उत्तर दर्ज करें

     (To type in english, unckeck the checkbox.)

आपके आस-पास

Jagran Yatra