वेस्टइंडीज: कैलिप्सो की उमंग का देश

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जब हम वेस्ट इंडीज या कैरेबियाई समूह की बात करते हैं तो हमारे जेहन में गैरी सोबर्स, क्लाइव लायड, विवियन रिच‌र्ड्स, मैल्कम मार्शल व ब्रायन लारा जैसे नाम गूंजते है। आखिरकार वेस्ट इंडीज से हमारा परिचय क्रिकेट के मार्फत ही रहा है। हालांकि वेस्ट इंडीज में शामिल कई देशों में भारतीय मूल के लोगों की संख्या अच्छी-खासी है। यही कारण है कि क्रिकेट टीम की ही बात करें तो उसमें शिवनारायण चंद्रपाल, रामनरेश सरवन, नरसिंह देवनारायण और दिनेश रामदीन जैसे भारतीय नाम देखने को मिल जाते हैं। लेकिन इन बातों के अलावा वेस्ट इंडीज के इलाके प्रकृति के लिहाज से भी बेहद खूबसूरत हैं। चूंकि सारे देश द्वीप या द्वीप समूहों से बने हैं, इसलिए इनका मुख्य आकर्षण समुद्र ही है। दुनिया के कई सबसे खूबसूरत बीच इन देशों में हैं। इसलिए जब अगले माह क्रिकेट का विश्व कप पहली बार वेस्ट इंडीज में होने जा रहा है तो आपके पास आनंद उठाने के लिए क्रिकेट के अलावा भी कई बातें होंगी।

वेस्ट इंडीज क्रिकेट के लिहाज से भले ही एक समूह हो लेकिन राजनीतिक रूप से इसके सदस्य अलग-अलग स्वयंभू देश हैं। वेस्ट इंडीज महासंघ महज चार साल के लिए 1958 से 1962 तक अस्तित्व में रहा था। अब यह महासंघ केवल क्रिकेट प्रशासन तक सीमित रह गया है। लिहाजा घूमने की बात करें तो हमें हर स्थान को अलग-अलग तौलना होगा। क्रिकेट विश्व कप के मैच जिन स्थानों पर होने हैं, वे हैं-एंटीगुआ, बारबाडोस, ग्रेनाडा, गुयाना, जमैका, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लूसिया और त्रिनिदाद एंड टोबैगो।

एक नजर डालते हैं इन सभी स्थानों की खास-खास बातों पर:

एंटीगुआ व बारबुडा: महज 68 हजार की आबादी वाले एंटीगुआ के तटों को पाल नौकाओं के लिए सबसे बढि़या स्थानों में से माना जाता है। हर साल मार्च-अप्रैल में यहां सेलिंग वीक का भी आयोजन होता है जब रंगबिरंगी पाल नौकाएं समुद्र की लहरों पर रेस में हिस्सा लेती हैं। एंटीगुआ में 365 बीच हैं, यानी साल के हर दिन के लिए एक। आपको बस अपनी पसंद के अनुकूल एक बीच खोजना होगा। उत्तर पश्चिमी तट के बीच सबसे ज्यादा विकसित हैं। डिकंसन बे और रनअवे बीच इनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। वहीं राजधानी सेंट जोंस के सबसे नजदीकी बीचों में फोर्ट जेम्स व डीप बे प्रमुख हैं। हॉक्सबिल के चार शानदार बीचों में से एक न्यूडिस्ट बीच भी है, जहां बदन पर कपड़े पहनने का प्रचलन नहीं।

उधर बारबुडा यहां के सबसे अविकसित इलाकों में से है। एक समय यह इलाका जहाजों के हादसों का इलाका माना जाता था। अब यहां एक बेहद खूबसूरत पक्षी अभयारण्य है।

बारबाडोस: आपने दुनिया के सात आश्चर्योके बारे में सुना होगा, लेकिन बारबाडोस का टूरिज्म बोर्ड आपको अपने यहां के सात अजूबों के बारे में बतलाता है। ये हैं-हैरीसंस केव (स्टैलैक्टाइट व स्टैलेग्माइट गुफाएं, अभी रिनोवेशन के लिए बंद हैं लेकिन विश्व कप के लिए खोली जाएगी), बाओबाब ट्री (वटवृक्ष) जो 1738 में अफ्रीका से यहां लाया गया था, ऐतिहासिक जैकोबियन मैंशन (1650 में बनी ये इमारतें स्थापत्य के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं), मोर्गन लेविस मिल (कैरेबियाई समूह में सलामत बची दो चीनी मिलों में से एक), प्रसिद्ध यहूदी सिनागोग (यह ब्रिजटाउन में 1654 में बनाया गया था, उसके बाद कई बार गिरा और फिर खड़ा किया गया), कैनन गेलोर (17वीं सदी की चार सौ से ज्यादा तोपों का भंडार जिनका इस्तेमाल अंग्रेज किया करते थे) और ग्रेपफ्रूट ट्री (कहा जाता है कि यह फलस सबसे पहले बारबाडोस में ही 18वीं सदी में उगाया गया था)। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यहां बाकी कुछ देखने को नहीं। एटलांटिस पनडुब्बी आपको समुद्र की गहराइयों की सैर कराती है।

ग्रेनाडा: इसे पश्चिमी गोलार्ध में दूसरा सबसे छोटा देश माना जाता है। यहां तीन खूबसूरत द्वीप हैं- ग्रेनाडा, कारियाकाओ और पेटिटे मार्टिनीक्यू। ग्रेनाडा का मुख्य द्वीप छह हिस्सों में बंटा हुआ है। इनमें से हरेक के अपने उत्सव व परंपराएं हैं। यहां तक कि छहों की भौगोलिक संरचना में भी अंतर है। कारियाकाओ सबसे ज्यादा आबादी वाला द्वीप है, लेकिन बेहद खूबसूरत। द्वीप के पूर्वी सिरे पर छह मील लंबी कोरल रीफ है तो पानी के अंदर एक सक्रिय ज्वालामुखी भी है। इसी तरह पेटिटे मार्टिनीक्यू भी 486 एकड़ में फैला एक छोटा ज्वालामुखी कोन है। अतीत में यह तस्करी के प्रमुख केंद्रों में से एक रहा है।

गुयाना: भारतवासी गुयाना को उसके पूर्व राष्ट्रपति छेदी जगन के नाम से भी पहचानते हैं। राजधानी जार्जटाउन में डिमीरारा नदी पर बना हार्बर ब्रिज दुनिया के सबसे लंबे तैरते पुलों में से है (यह पुल तैरते पंटूनों पर बना है)। दो लेन वाला यह पुल 1.85 किलोमीटर लंबा है। पशुओं व वनस्पतियों की संख्या व विविधता के लिहाज से गुयाना का जू व बोटोनिकल गार्डन कैरेबियाई देशों में सबसे समृद्ध माना जाता है। यहां का बिजारे बाजार खरीदारी के लिए सबसे उपयुक्त है।

जमैका: यहां की खूबसूरती के बारे में केवल इतना कहना काफी होगा कि जमैका में ही वह ब्लू लैगून है, जिसपर इसी नाम से हालीवुड की खूबसूरत फिल्म बनी थी। फिल्म में जितने जलवे अभिनेत्री ब्रुक शील्ड्स के थे, उतने ही जमैका के खूबसूरत समुद्र तटों के भी। यहां के तट कैरेबियाई देशों में सबसे खूबसूरत माने जाते हैं। यहां के बीच, पहाड़ और सुर्ख लाल सूर्यास्त एक अनोखा अहसास देते हैं। यहां हर पसंद के व्यक्ति के लिए समय गुजारने की गुंजाइश है- चाहे वह फक्कड़ घुमक्कड़ हो या नवविवाहित जोड़ा। जेब में पैसे ज्यादा हों तो आप अपने अलग बीच के साथ प्राइवेट विला में रह सकते हैं या फिर द्वीप की मस्ती भरी जिंदगी में उतर सकते हैं।

सेंट किट्स एंड नेविस: भले ही इसे कोलंबस ने 1493 में खोज निकाला हो, लेकिन यह अमेरिकी महाद्वीप के सबसे नए स्वतंत्र देशों में से है। इसे 1983 में ही आजादी मिली। पश्चिमी गोलार्ध में यही सबसे छोटा देश माना जाता है। चीनी के व्यापार और सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति के कारण इसे अन्य कैरेबियाई देशों की तुलना में सबसे ज्यादा विकसित होने का मौका मिला। बाकी द्वीपों के मुकाबले आपको यहां सबसे ज्यादा संपन्नता मिल जाएगी। लेकिन यहां के ऐशो-आराम किसी भी मायने में यहां की प्राकृतिक खूबसूरती की चमक को फीका नहीं होने देते। मजे की बात है कि विकास के बावजूद यहां भीड़-भड़क्का कम है। ज्वालामुखियों के लावा ने यहां कई अद्भुत प्राकृतिक संरचनाएं खड़ी कर दी हैं। करने के लिए यहां स्कूबा डाइविंग से जंगलों की सैर तक तमाम तरह की गतिविधियां हैं। दूसरे द्वीप नेविस को एक समय क्वीन ऑफ द कैरिबीस कहा जाता था। यहां के जंगलों में आपको दुर्लभ हरे बंदर और बिरले फूल देखने को मिल जाएंगे। कुल मिलाकर यहां गए बिना कैरेबियाई देशों की यात्रा अधूरी मानी जाएगी।

सेंट लूसिया: इसकी खूबी के बारे में इतने से ही जाना जा सकता है कि पिछले कई सालों से यह जगह दुनिया के सबसे पसंदीदा वेडिंग व हनीमून स्पॉट के रूप में अवार्ड जीतती रही है। पिछले साल यहीं का एक रिसॉर्ट कैरेबियाई देशों में सबसे अव्वल स्पा रिसॉर्ट माना गया था। नई जगहों को खोजने और अनजानी जगहों को पहचानने का यहां आने वाले आनंद कुछ अलग ही है।

त्रिनिदाद एंड टोबैगो: यही ब्रायन लरा का देश है और कैरेबियाई देशों में यहीं आपको सबसे ज्यादा संख्या में भारतीय मूल के लोग मिल जाएंगे। कुल 13 लाख की आबादी वाले दो द्वीपों के इस देश के दरअसल कई रंग हैं जो भाते हैं। यहां की सांस्कृतिक विविधता कैरेबियाई देशों में सबसे जुदा है। हर वक्त किसी न किसी गतिविधि में डूबा, हर वक्त किसी न किसी जलसे या जश्न का माहौल। कार्निवल तो यहां देखने लायक हता है। कोई हैरत की बात नहीं कि लारा के इस देश में सुनील गावस्कर सबसे पसंदीदा खिलाडि़यों में से हैं और यहां की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन गावस्कर के सबसे पसंदीदा मैदानों में से एक। प्राकृतिक सुंदरता में तो सभी कैरेबियाई देश एक-दूसरे से होड़ करते हैं। सुंदरता की बात करें तो एक बात यह भी जेहन में रखिएगा कि 1998 की मिस यूनिवर्स वेंडी फिट्जविलियम त्रिनिदाद की ही थीं।

मजेदार बात है कि वेस्ट इंडीज के कई देश आपको आपने यहां विवाह करने के लिए भी आमंत्रित करते हैं और इसकी खास सुविधा उपलब्ध कराते हैं। ऐसे खूबसूरत माहौल में साथ-साथ रहने की कसमें खानी हों तो क्या बात है!

कैलिप्सो दरअसल एक अफ्रो-कैरेबियाई संगीत है। बताते हैं कि इसका उदय 20वीं सदी की शुरुआत में त्रिनिदाद में हुआ। इस संगीत को गढ़े जाने के मूल में अफ्रीकी लोगों को यहां गुलाम बनाकर लाया जाना था। चूंकि उन लोगों को आपस में बात करने की इजाजत नहीं थी, इसलिए उन्होंने संवाद के लिए संगीत ईजाद किया जो आगे जाकर कैलिप्सो बन गया। इससे वहां आने वाले अफ्रीकियों में भी एक समुदाय की भावना बन गई। कैरेबियाई इलाके में शासक तेजी से बदलते रहे-फ्रेंच, स्पेनिश और अंग्रेज, सब अपने साथ-साथ अपनी संगीत शैलियां भी लेकर आए। फ्रेंच यहां कार्निवल लेकर आए, जिससे कैलिप्सो को नया आयाम मिल गया। इसीलिए कुछ लोगों का यह दावा भी है कि कैलिप्सो में मध्यकालीन फ्रेंच संगीत की छवि है। पिछली सदी की शुरुआत में कैलिप्सो संदेश व खबरें प्रसारित करने का भी माध्यम बन गया। हर गीत के शब्दों पर बहस होती और वे शब्द पूरे इलाके में छा जाते। अंग्रेजों को उसमें खतरा नजर आने लगा तो उन्होंने इसे रोकने की कोशिश भी की। 1914 में कैलिप्सो की पहली रिकार्डिग सामने आई और 1930 आते-आते विश्व संगीत के नक्शे पर कैलिप्सो स्टार छाने लगे। अब तो यहां के कार्निवल का अभिन्न अंग बन गया है कैलिप्सो।

वेस्टइंडीज नाम का समूह अब केवल क्रिकेट की दुनिया में है। राजनीतिक रूप से यह इतिहास का हिस्सा हो चुका है। इसमें मूल रूप से वे द्वीप देश हैं जो कैरेबियाई समुद्र के इलाके में आते हैं। हालांकि इस इलाके में आने वाले बहामास और बरमूडा को वेस्ट इंडीज में शामिल नहीं किया गया है। अतीत में ये सारे देश ब्रिटेन के उपनिवेश रहे हैं।  इन सभी देशों की राजधानियों में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे हैं। आप कहीं से भी सफर की शुरुआत कर सकते हैं। इन देशों के पर्यटन विभाग की वेबसाइट से इस बारे में काफी जानकारियां मिल जाएंगी।

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