उत्तर भारत के आर्टिकल्स

सुकून पाना हो तो आइए कॉर्बेट पार्क

सुकून पाना हो तो आइए कॉर्बेट पार्क

रोजमर्रा की भागती जिन्दगी, महानगरीय शोर- शराबे से दूर सुकून के दो पल बिताने की लालसा रखने वाले पर्यटकों के लिए ही नहीं बल्कि प्रकृति  पर्यावरण एवम् जैव विविधता की जानकारी प्राप्त करने के जिज्ञासुओं के लिए विश्व प्रसिद्घ जिम... आगे पढ़े

मथुरा जहां बहती है अध्यात्म की धारा

मथुरा जहां बहती है अध्यात्म की धारा

ब्रजभूमि का हृदय माना जाने वाला शहर मथुरा भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थल होने के कारण तो महत्वपूर्ण है ही, यह  व्यापार और कला का भी प्रमुख केंद्र रहा है। एक समय में यह बौद्ध धर्म के प्रचार का एक बड़ा केंद्र बना था। दिल्ली से 145 किमी... आगे पढ़े

मराठों का मिनी खजुराहो गणेश बाग

मराठों का मिनी खजुराहो गणेश बाग

राजश्री टंडन जैसे लोगों ने खजुराहो, उसके वास्तु, उसके दर्शन का जमकर विरोध किया किन्तु खजुराहो का दर्शन और उसका शिल्प भारतीय कला पर अपनी छाप छोड़ता गया। बुंदेलखंड  और उसके बाहर अनेक ऐसे मंदिर मिल जाएंगे जिन पर खजुराहो के दर्शन... आगे पढ़े

कालजयी कालिंजर

कालजयी कालिंजर

कालिंजर को कालजयी यूं ही नहीं कहा जाता है। इसने कालखंड के प्रत्येक प्रसंग को, चाहे वो प्रागैतिहासिक काल के पेबुल उपकरण हों, पौराणिक घटनाएं हों या 1857 का विद्रोह हो, सबको बहुत ही खूबसूरती से अपने आंचल में समा रखा है। वेदों में उल्लेख... आगे पढ़े

चलो बुलावा आया है..

चलो बुलावा आया है..

नवरात्र में देवी के स्थानों की यात्रा भारत के धार्मिक पर्यटन का अभिन्न हिस्सा है। शिवपुराण की कथा के अनुसार शिव एक प्रसंग के बाद सती पार्वती के शव को लेकर तीनों लोकों में भ्रमण कर रहे थे, तो भगवान विष्णु ने उनका मोह दूर करने... आगे पढ़े

मिट्टी में नहाएं या बनाएं रेत के महल

मिट्टी में नहाएं या बनाएं रेत के महल

आनायुत्तू, वदक्कुमनाथा मंदिर, त्रिशूर केरल की प्रकृति के साथ-साथ वहां की धार्मिक रीति में हाथियों की बड़ी भूमिका है। हर साल मलयालम महीने करकीदकम के पहले दिन मनाया जाने वाला यह पर्व दरअसल हाथियों का महाभोज है। इस दिन बड़ी संख्या... आगे पढ़े

फिर चलें लद्दाख

फिर चलें लद्दाख

कई रोमांचप्रेमी ऐसे हैं जो हर साल जून-जुलाई-अगस्त में लद्दाख जाने को सालाना तीर्थयात्रा की तर्ज पर लेते हैं। लेकिन आप रोमांचप्रेमी न हों तो भी लद्दाख की खूबसूरती देखने लायक है। मौसम और माहौल तैयार है, बस आपके आने की देरी है।... आगे पढ़े

देवीधुरा : पत्थरों से बरसती हैं नेमतें

देवीधुरा : पत्थरों से बरसती हैं नेमतें

उत्तराखंड की संस्कृति यहां के लोक पर्व और मेलों में स्पंदित होती है। यूं तो राज्य में जगह-जगह साल भर मेलों का आयोजन चलता रहता है, लेकिन कुछ मेले ऐसे हैं जो अपनी अलग ही पहचान बनाए हुए हैं। कुमांऊ के देवीधुरा नामक स्थान पर लगने... आगे पढ़े

Page 10 of 16« First...«89101112»...Last »

खोज विकल्प

English Hindi

आपके आस-पास