धर्म-संस्कृति व त्योहार के आर्टिकल्स

यात्रा का विराट वैभव जगन्नाथ रथयात्रा

यात्रा का विराट वैभव जगन्नाथ रथयात्रा

सागरतट पर बसे पुरी शहर में होने वाले जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव के दौरान आस्था का जो विराट वैभव देखने को मिलता है, वह और कहीं भी दुर्लभ है। देश-विदेश से लाखों लोग इस पर्व के साक्षी बनने हर वर्ष यहां आते हैं। देश के चार पवित्र धामों... आगे पढ़े

कई संस्कृतियों का संगम है मकाओ

कई संस्कृतियों का संगम है मकाओ

हांगकांग, ताइवान और चीन जैसे देशों के पड़ोस में बसा है मकाओ। यह छोटा सा देश गुआंगडौंग प्रॉविंस के पर्लरिवर डेल्टा के दो द्वीपों और एक प्रायद्वीप को मिलाकर बना है। यहां लगातार बढ़ता पर्यटन इस बात का गवाह है कि यहां आने वाले लोगों... आगे पढ़े

ऋषियों की तपोभूमि में विष्णु के पांच धाम

ऋषियों की तपोभूमि में विष्णु के पांच धाम

प्रकृति के अलौकिक सौंदर्य से परिपूर्ण हिमालय की चोटियां ऋषियों एवं योगियों की तपस्थली रही हैं। यहां स्थित देवालयों में बद्रीकाश्रम का महत्व सबसे अधिक है। आदि शंकराचार्य ने संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने के लिए जिन चार... आगे पढ़े

नेपाल: प्रकृति का संसार अनोखा

नेपाल: प्रकृति का संसार अनोखा

नेपाल का नाम आते ही पर्यटकों के मन में अद्भुत दृश्य उभरने लगते हैं। प्रकृति के अनूठे सौंदर्य, उगते व अस्त होते सूरज की लालिमा, बर्फ से ढकी चोटियां, हरी-भरी वादियां, घने जंगल और जंगलों में स्वच्छंद रूप से विचरते जानवरों की दिनचर्या... आगे पढ़े

आस्था का रोमांचक सफर गंगोत्री

आस्था का रोमांचक सफर गंगोत्री

उत्तरांचल में ट्रेकिंग करें या पर्वत शिखरों पर आरोहण के लिए जाएं,  आधारस्थल के रूप में गंगोत्री आदर्श है। यही नहीं, उत्तराखंड के चार धामों में से गंगोत्री एक है। भोजपत्र के वृक्षों के जंगल भी यहीं मिलते हैं। समुद्रतल से 10 हजार... आगे पढ़े

ओम् को साकार करता शिवधाम ओंकारेश्वर : मध्य प्रदेश की आस्था का प्रतीक

ओम् को साकार करता शिवधाम ओंकारेश्वर : मध्य प्रदेश की आस्था का प्रतीक

समूची सृष्टि ओंकार से ही उत्पन्न हुई है, इस सत्य से साक्षात्कार के लिए ओंकारेश्वर से श्रेष्ठ स्थल नहीं हो सकता है। प्रकृति ने स्वयं इस भूखंड पर अपनी तूलिका से ओम् उकेरा है। नर्मदा नदी के प्रवाह ने यहां एक मील लंबे और डेढ़ मील... आगे पढ़े

शहर मंदिरों का

शहर मंदिरों का

वाराणसी में अनेक दर्शनीय धार्मिक व तीर्थ स्थल हैं। इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, ढुंढिराज गणेश, काल भैरव, दुर्गा जी का मंदिर, संकटमोचन, तुलसी मानस मंदिर, नया विश्वनाथ मंदिर, भारतमाता मंदिर, संकठा देवी मंदिर व... आगे पढ़े

बनारस : हर घाट का निराला है ठाठ

बनारस : हर घाट का निराला है ठाठ

सहस्त्राब्दियों से सुख-दुख झेलती काशी ने कभी मोक्ष तीर्थ तो कभी आनंद कानन के रूप में इतिहास के  इति और आरंभ से साक्षात्कार किया। वाराणसी और बनारस के नाम से विख्यात इस नगर को ईस्वी पूर्व 1200 में सहोल के पुत्र काश्य ने बसाया था। कथा... आगे पढ़े

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