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सफर के दौरान जी मिचलाना और उल्टियां होना आम शिकायत है। छोटी-मोटी बीमारियों से ग्रस्त लोगों और गर्भवती महिलाओं के साथ तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बढ़ जाते हैं जो जी मिचलाने के लक्षणों से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम कर देते हैं। मेनोपॉज के लिए हार्मोन उपचार या फिर गर्भनिरोधक गोलियां ले रही महिलाओं के साथ भी यह समस्या बढ़ जाती है। अगर आप भी जी मिचलाने के डर से अपने सफर टालती रहती हैं तो सफर के भय से उबरने के लिए कुछ उपाय आजमा सकती हैं। नई दिल्ली की डायटीशियन शिखा शर्मा के बताए ये उपाय आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं।
baThaneबैठने की सीट आगे वाली और खिड़की के करीब चुनें। कार से यात्रा कर रही हैं तो सामने वाली सीट पर बैठें जिससे आप सड़क को अच्छी तरह देख सकें। यदि आप देख रही होती हैं कि कहां जाना है तो उस स्थिति में आपकी आंखों तथा इनर ईयर सिस्टम से दिमाग को मिलने वाली सूचनाओं में बहुत अधिक समानता होती है और जी खराब होने की आशंका काफी कम हो जाती है।
अगर आप हवाई जहाज से यात्रा कर रही हैं तो यात्रा के दौरान दिए जाने वाले ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर से बचें नहीं, बल्कि थोड़ा-बहुत कुछ जरूर ले लिया करें। वैसे भी अगर आप यात्रा शुरू करने के दो-तीन घंटे पहले हल्का नाश्ता ले लें तो आपको भूखे पेट यात्रा करने वालों की तुलना में जी खराब होने की आशंका कम हो ती है।
यात्रा से पहले कम नमक व कम फैट वाले स्नैक्स लें। नमक मिले पोटैटो चिप्स या कार्न चिप्स अगर न लें तो ही बेहतर होगा। क्योंकि इनसे पेट की गड़बड़ी आशंका बढ़ सकती है।
अधिकतर समय शांत रहें। क्योंकि आप जितनी अशांत रहेंगी, आपके बीमार होने की आशंका उतनी ही अधिक हो जाएगी।
खुद को शांत रखने का सबसे कारगर तरीका होता है सांस को नियंत्रित करना। यानी जितनी देर में सांस लें, उतनी ही देर में छोड़ें। इससे शारीरिक या मानसिक किसी भी तरह का तनाव अपने आप घट जाएगा। हृदय गति और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहेगा।
यात्रा से पहले अदरक का एक छोटा टुकड़ा खा लेने से भी जी मिचलाने की आशंका काफी कम हो जाती है।
यात्रा के दौरान जितनी देर तक संभव हो सके दवा लेना टालें, लेकिन अगर दवा लेना जरूरी ही हो तो सफर शुरू करने से आधे घंटे पहले ही दवा ले लें। यात्रा शुरू करने के बाद दवा लेने पर आम तौर पर अपेक्षित फायदा नहीं मिल पाता।
घूमना-फिरना भला किसे नहीं भाता और अगर छुट्टियां हों तो घूमने का मजा ही दोगुना हो जाता है। लेकिन यह बात भी सच है कि सफर के दौरान कई बार मुश्किलें भी झेलनी पड़ जाती हैं। आपका सफर अच्छी तरह और हंसी-खुशी के माहौल में बीते यह आपके आहार पर भी निर्भर करता है। सफर के दौरान भोजन ऐसा होना चाहिए जिसे पचाना शरीर के लिए आसान हो ताकि आपको जल्दी ऊर्जा मिले और थकावट या भारीपन महसूस न हो। तुरंत ऊर्जा के सबसे प्रमुख स्त्रोत हैं तरल कार्बोहाइड्रेट।
खासतौर पर आपकी डाइट संतुलित होनी चाहिए। थोड़ा सा फैट, थोड़ा सा प्रोटीन और थोड़ा सा कार्बोहाइड्रेट मसलन जूस, ताजे फल, स्किम्ड मिल्क वगैरह। लेकिन कार्बोहाइड्रेट के जटिल रूप जैसे गाढ़े दूध में पका हुआ दलिया, ब्रेड के साथ जैम या पास्ता आदि न लें। शरीर के लिए इन्हें पचाना बहुत आसान नहीं है। इसी तरह खाली पेट कार्बोहाइड्रेट बगैर प्रोटीन के न लें। ब्रेड जैम, रोल पास्ता आदि खाली पेट लेने से एसिटिडी तो होती ही है, आलस्य भी रहता है।
स्त्रियों को तो अपने आहार पर खास तौर से ध्यान देना चाहिए। क्योंकि मोशन सिकनेस यानी सफर के भय और सामान्य स्थितियों से उपजे तनाव की शिकार होने पर स्ति्रयां अक्सर जरूरत से ज्यादा भोजन कर लेती हैं।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण टिप्स
सफर के दौरान कभी भी ज्यादा खाना न खाएं। चाहें तो इससे बचने के लिए एक उपाय आप यह कर सकती हैं कि अपनी बेल्ट को टाइट रखें। अगर आप कसे कपड़े पहनेंगी तो आपको यह ध्यान रहेगा कि ज्यादा नहीं खाना है।
जो कुछ भी खाएं धीरे-धीरे खूब चबाकर खाएं। सर्विग प्लेट या बोल को अपनी पहुंच से दूर रखें। ताकि जितना आप खा रही हैं आपको ध्यान रहे।
जहां तक हो अपने लिए भोजन खुद ही सर्व करें, ताकि आपको अतिरिक्त खाना न खाना पड़े।