विश्व् के आर्टिकल्स
आखिरकार इसी साल 29 मार्च को मेरी दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं खत्म हुई। आखिरकार इसलिए क्योंकि सभी की बातें सुन-सुनकर मुझे भी अनायास परीक्षाओं का तनाव हो गया था। लिहाजा जैसे ही परीक्षाएं खत्म हुई, दिल-दिमाग से जैसे बोझ उतर गया। जब... आगे पढ़े
एक ट्रेन बर्फीली चोटियों के लिए
इस बार बात एक ऐसी ट्रेन की जो स्विट्जरलैंड जाने वाले पर्यटकों की योजना में सबसे ऊपर होती है। आखिर ऐसा मौका कहां मिलेगा जब आपकी ट्रेन बर्फीले पहाड़ों से ऊपर चल रही हो। यूं तो चीन में जो रेल सेवा तिब्बत के लिए शुरू की गई है, वह दुनिया... आगे पढ़े
नेपाल: प्रकृति का मनमोहक उपहार हर लम्हा यादगार
हिमालय की गोद में बसा छोटा-सा देश नेपाल। पूरी दुनिया में खूबसूरती व प्राकृतिक सौंदर्य में अग्रणी स्थान रखता है। सैर-सपाटे के लिए सैलानियों की यह प्रमुख पसंद है। खूबसूरत फिजाएं, अनगिनत चमकती पर्वत श्रेणियां, हरे-भरे जंगल, नदियां,... आगे पढ़े
सयाली के मनमोहक फूल की तरह द ट्रेन के साथ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी सुगंध बिखरने जा रही सयाली भगत को घूमना काफी पसंद है और रोम उनका फेवरेट होलीडे डेस्टिनेशन है। अपनी पसंदीदा जगह के बारे में खुद बता रही हैं- सयाली। छुट्टियां मेरे... आगे पढ़े
मैदानों की गर्मी से पहाड़ों में राहत
विलिनियस कार्निवल, लिथुआनिया तत्कालीन सोवियत संघ से अलग होने के बाद यह बाल्टिक देश तेजी से अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश में है। रियो डी जनेरियो के अंदाज का यह कार्निवल भले ही ब्राजीलियों से बाकी हर मायने में पीछे हो लेकिन... आगे पढ़े
सिंगापुर: गर्मियों की छुट्टियों में शॉपिंग के मजे
सिंगापुर भारतीयों के सबसे पसंदीदा विदेशी पर्यटन स्थानों में से है। उधर सिंगापुर के लिए भी भारतीय पर्यटक अहम हैं क्योंकि वहां जाने वाले दुनियाभर के सैलानियों में संख्या के मामले में भारतीय चौथे नंबर पर हैं। तो एक बार फिर से... आगे पढ़े
ताकायामा मात्सुरी, ताकायामा, जापान जापान के सबसे शानदार और खूबसूरत जलसों में से एक। यह त्योहार 15वीं सदी से मनाया जा रहा है। साल में दो बार यह होता है-एक बार बसंत में और दूसरी बार पतझड़ में। बसंत का उत्सव हाई जिंजा धर्मस्थल पर... आगे पढ़े
जॉनी लीवर-लंदन में मुंबई का सा अहसास होता है
मैं मुंबइया चाल में पला-बढ़ा जीव हूं। कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुंबई के बाहर भी निकल सकूंगा। अब रुमाल और पेन आदि बेचकर पेट पालने वाले इनसान को इससे ज्यादा सोचने का हक भी कहां मिलता है। मगर मेरे हाथ में लिखी रेखा मेरी दिशा... आगे पढ़े
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