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ऐतिहासिक स्थल

सांस्कृतिक विविधता की भूमि है गुजरात

सांस्कृतिक विविधता की भूमि है गुजरात

उत्तर में पाकिस्तान, पश्चिम में सागर और पूरब-पश्चिम में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान से घिरे गुजरात की धरती अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को बखूबी संजोए हुए है। यह राज्य अपने मंदिरों, समुद्रतटों, कला-शिल्प और वन्य विहारों... आगे पढ़े

खजुराहो : पत्थरों पर छवियां जीवन की

खजुराहो : पत्थरों पर छवियां जीवन की

पाषाण पर उकेरे गए जीवन के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित करते खजुराहो के गगनचुंबी देवालय आज विश्व भर में विख्यात हैं। मध्यकालीन भारत के चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए मध्य प्रदेश में यह मंदिर अपने निर्माण के एक हजार वर्ष पूरे... आगे पढ़े

तीन लोक से न्यारी काशी

तीन लोक से न्यारी काशी

अब देश के सभी प्रमुख महानगरों से रेल और सड़क ही नहीं, हवाई मार्ग से भी सीधे जुडे़ बनारस के भीतर अगर आप घूमना चाहते हैं तो ऑटो या साइकिल रिक्शे से बेहतर साधन नहीं हो सकता। जिन कारणों से भारतीय लोकमानस में काशी के नाम से प्रतिष्ठित... आगे पढ़े

एक सफर यादों का

एक सफर यादों का

यूरोप में पर्यटकों के लिए आकर्षण के दो मुख्य केंद्र हैं – इंग्लैंड और स्विट्जरलैंड। आधुनिक विश्व में ये दोनों देश सत्ता के भी दो प्रमुख केंद्रों के रूप में जाने जाते हैं। ब्रिटिश साम्राज्य के बारे में कहावत थी कि इसका सूरज... आगे पढ़े

मलेशिया जहां घुल जाती हैं एशियाई संस्कृतियां

मलेशिया जहां घुल जाती हैं एशियाई संस्कृतियां

एशिया के प्रमुख देशों की सभ्यताओं की सांस्कृतिक झलक देखनी हो तो चले जाइए मलेशिया। मलय, चीनी व भारतीय संस्कृतियों का अद्भुत मिश्रण यहां देखने को मिलता है। आधुनिक व प्रगतिशील होते हुए भी मलेशिया ने जिस अनोखे ढंग से अपनी पारंपरिक... आगे पढ़े

बुद्ध के पथ पर

बुद्ध के पथ पर

बौद्ध धर्म के उदय की भूमि भारत में बौद्ध तीर्थस्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों का एक विशाल परिपथ है। इनमें कुछ स्थान गौतम बुद्ध के जीवन की घटनाओं से संबद्ध हैं तो कुछ उनके धर्म उपदेश और प्रसार से जुड़े हुए हैं। इनके अलावा कई प्रसिद्ध... आगे पढ़े

नए-पुराने का अनूठा संगम है जालंधर

नए-पुराने का अनूठा संगम है जालंधर

हिंदू पुराणों, दंत कथाओं, स्मृति ग्रंथों व इतिहासकारों की और कई अन्य पौराणिक-ऐतिहासिक रचनाओं में जालंधर को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। पुराणों के अनुसार सतीत्व की प्रतिमूर्ति मां वृंदा के पति दैत्यराज जलंधर के नाम पर इस... आगे पढ़े

कौमी एकता का प्रतीक अजमेरशरीफ

कौमी एकता का प्रतीक अजमेरशरीफ

अजमेर का इतिहास जितना रोचक है, धार्मिक दृष्टि से वह उतना ही महत्वपूर्ण है। अरावली की  पहाडि़यों के मध्य तारागढ़ नामक पहाड़ी के आसपास फैले इस शहर को चौहान राजा अजयपाल ने सातवीं सदी में बसाया था। चौहान राजाओं के बाद यह मेवाड़... आगे पढ़े

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