दूर देश में गठबंधन

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शादी यूं तो दुनिया में कहीं भी एक खास अवसर है, पर भारत में इसका महत्व कुछ ज्यादा रही है। क्योंकि हम भारतीयों के लिए यह आयोजन सिर्फ एक आयोजन नहीं है। यहां यह एक ऐसा आयोजन है, जो जीवन में सिर्फ एक बार ही होता है। अगर किसी के जीवन में यह अवसर दुबारा आए भी तो हमारे लिए यह कोई सुखद घटना नहीं, बल्कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति समझी जाती है। विवाह हमारे लिए कोई अनुबंध नहीं, बल्कि एक संस्कार है, सामाजिक जीवन की पवित्रतम संस्था है। जाहिर है, जीवन में सिर्फ एक बार आने वाले इस अवसर के अनूठेपन को सहेजने की हर कोशिश भारतीय जनमानस करता है। शायद यही वजह है कि हमारे यहां वैवाहिक आयोजनों से तमाम तरह की कलाएं तो जुड़ी ही हैं, खर्च भी हर परिवार अपनी हैसियत भर बढ़-चढ़ कर करता है। इस विशिष्ट अवसर के अनूठेपन को सहेजने की कोशिश में ही विशेष थीम पर आधारित और दूर देशों में स्थित विशिष्ट स्थलों पर वैवाहिक आयोजनों का चलन शुरू हुआ।

एक नई थीम

भारत में विवाह की इसी विशिष्टता के आकर्षण में भारतीय ढंग से शादी के लिए कई विदेशी जोड़े तो पहले से ही भारत आते रहे हैं। समय-समय पर ऐसी घटनाएं यहां खबर भी बनती रही हैं। इधर कुछ वर्षो से एक नया चलन शुरू हुआ है, शादी के लिए भारतीय लोगों के विदेश जाने का। दूल्हा-दुलहन और परिवार के लोगों के लिए तो विदेश में आयोजित समारोह खास होते ही हैं, शादी में शामिल होने वाले अतिथियों के लिए भी यादगार बन जाते हैं। खास तौर से तब यह बात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब आपको विदेश में अपने देश के रस्मो-रिवाज निभाने के सभी इंतजाम मिल जाएं। इसे एक सुखद संयोग कहा जाना चाहिए कि कई देशों में ये सुविधाएं उपलब्ध भी हैं। इन देशों ने अपनी इस सुविधाओं के प्रति भारतीयों के आकर्षण को देखते हुए अपनी इस खूबी को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुछ देशों के पर्यटन स्थल तो अब यहां खास तौर से वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में ही जाने जाने लगे हैं।

आसान और किफायती भी

विदेश के नाम पर आपको यह लग सकता है कि यह तो काफी मुश्किल भरा और महंगा काम होगा। हालांकि वास्तव में ऐसा है नहीं।इस बारे में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी वेडिंग आर्ट साउंड ऑफम्यूजिक की निदेशक मेहर सरीद कहती हैं, ‘हमने शादी के कई आयोजन दूसरे देशों में किए हैं और हमारा अनुभव है कि विदेश में जाकर शादी करना सिर्फ दिलचस्प ही नहीं,आसान भी है। क्योंकि यह हर मायने में किफायती है। भारत में हम पारंपरिक तरीके से शादी को व्यवस्था में जरूरत में ज्यादा खर्च कर देते हैं। अगर दूसरे देश में शादी करें तो खर्च कम हो जाते हैं। जाहिर है, आप सिर्फ नतदीकी रिश्तेदारों को ही इस शादी में शामिल करेंगे। साथ ही हनीमून पर जाने का खर्च भी नहीं उठाना होता, क्योंकि आप अपनी मनपसंद जगह पर ही शादी कर रहे होते हैं। बाहर जाकर शादी करने में मुश्किल सिर्फ समन्वय में ही आती है। विदेश में जहां आप शादी करना चाहते हैं, अगर वहां किसी को जानते हैं तो खुद सारी तैयारियां कर सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी पेशेवर इवेंट को-ऑर्डिनेटर की सेवाएं ले रहे हों तो इन सारी मुश्किलों से बच सकते हैं।’

एशिया है पहली पसंद

ज्यादातर भारतीय अपने वैवाहिक आयोजनों के लिए एशियाई देशों में ही जाना पसंद करते हैं। अगर सबसे पसंदीदा देशों की बात की जाए तो उनमें मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और मॉरीशस के  नाम शामिल होंगे। इन आकर्षक स्थलों पर आयोजन के लिए प्रोफेशनल सेवाएं उचित मूल्य पर उपलब्ध हो जाती हैं। खर्च के आंकड़ों पर गौर करे तो इन देशों की तुलना में भारत में पंचसितारा होटल में शादी करने का खर्च तीन गुना अधिक होता है। क्योंकि भारत में पांचसितारा होटलों के पैकेज काफी महंगे हैं। जबकि विदेशों में अच्छी क्वालिटी के सस्ते पैकेज भी उपलब्ध हैं। साथ ही इन देशों में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी भी है। इससे वहां ऐसे निजी आयोजन करने में हमें परायापन तो नहीं लगता। चूंकि ऐसी सेवाएं देने वाली वहां की कंपनियों में भारतीय मूल के लोग भी हैं, इसलिए उन्हें रीति-रिवाज को समझते हुए हमारी जरूरतें समझने और उन्हें पूरा करने में भी दिक्कत नहीं होती।

मलेशियन टूरिज्म बोर्ड के डायरेक्टर पी. हरिहरन कहते हैं, ‘अब तक करीब 20 जोड़े मलेशिया में आकर शादी कर चुके हैं। हम अपने कामकाज को बढ़ाने के लिए भारत में विभिन्न वेडिंग प्रदर्शनियों में भाग लेते रहते हैं। इस कॉन्सेप्ट को पर्याप्त ढंग से प्रोत्साहित कर पूरे भारत में रुचि जगाने में सफल रहे हैं। सही मायने में मलेशिया वेडिंग डेस्टीनेशन के रूप में एक अछा विकल्प है। वहां के लिए भारत से सीधी फ्लाइट तो मिल ही जाती है, स्पेशल पैकेज रेट भी उपलब्ध हैं। इन पैकेजों में वेल्यू एडिशन के रूप में शादी के अवसर पर स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी शामिल होता है। मलेशिया में वैवाहिक आयोजनों की जो थीम सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, वह है बीच वेडिंग। यहां लंकावी और सबाह इस लिहाज से सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं।’

बदली है छवि

दूसरी तरफ कुछ ऐसे देश भी हैं, जो भारत से दूसरे तरह के भावनात्मक संबंधों के कारण पर्यटन की दृष्टि से लोकप्रिय रहे हैं। वहां पहले से बड़ी संख्या में भारतीय लोग जाते रहे हैं। लेकिन अब उनकी ख्याति भी वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ रही है। इस तरह देखें तो भारत में आकर्षण की वजह के साथ-साथ इन देशों की छवि भी बदल रही है। इस क्रम में भारत में मॉरिशस टूरिज्म बोर्ड के अधिकृत प्रतिनिधि राजीव नांगिया कहते हैं, ‘मॉरिशस सबसे पसंदीदा हनीमून डेस्टीनेशन माना जाता रहा है। लेकिन अब धीरे-धीरे वेडिंग डेस्टीनेशन की तरह उभर रहा है। बॉलीवुड की कई फिल्मों की शूटिंग यहां की गई है। इसीलिए लोगों ने यहां आने की और दिलचस्पी दिखाई। यहां भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में सिर्फ बसे ही नहीं हुए हैं, वे अपनी सभी सांस्कृतिक-धार्मिक परंपराओं को भी पूरी शिद्दत से जिंदा रखे हुए हैं। इसीलिए यहां आने के बाद लोगों को यह महसूस ही नहीं होता कि वे किसी दूसरे देश में आ गए हैं।’

ध्यान रखें

1. तैयारियां स्थानीय लोगों से करवाएं। सारी जानकारियां इंटरनेट के द्वारा इकट्ठा कर सकते हैं जैसे-वेन्यू, कैटरर, फोटोग्राफर, फ्लोरिस्ट, ट्रेवलिंग के लिए गाडि़यां।

2. तैयारी आसान करने के लिए काम वेडिंग

3. शादी के लिए देश के बाहर जाने वाले सारे लोगों के पासपोर्ट व वी़जा संबंधी कार्यवाही पहले से पूरी कर लें।

4. टूर ऑपरेटर ऐसा चुनें जो ट्रेवल व होटल संबंधी सभी तैयारियां पूरी करा दे।

5. जहां शादी करनी हो वहां के मौसम को अवश्य ध्यान में रखकर ही तैयारियां करें।

आपके रिवाज का खयाल

बड़ा और वैविध्यपूर्ण देश होने के नाते भारत में  हर प्रांत के लोगों की शादियों में कुछ खास चीजें होती हैं और वे हर जगह उन चीजों की उपलब्धता चाहते हैं। इनमें हाथी-घोड़े और लोक कलाकारों के अलावा संस्कृत के मंत्रों का शुद्ध उच्चारण करने वाले बनारसी पंडित भी शामिल हैं। विदेशों में यह सब भी उन्हें आसानी से मिल जाता है। गोरखपुर के एक बड़े व्यवसायी विजय सर्राफ और प्रिया अग्रवाल अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए ऐसी जगह की तलाश में थे। उनके मुताबिक, ‘इसके लिए हमें थाइलैंड हर मायने में सबसे बेहतर विकल्प लगा। थाइलैंड में भारतीय लोग ज्यादा बसे हुए हैं। हमारे थीम और कॉन्सेप्ट को वे आसानी से समझ सकते थे। हमारी शादी पारंपरिक तरीके से होनी थी, जिसमें हाथी की सवारी भी शामिल थी। यहां के होटलों ने भारत के मुकाबले अच्छे और सस्ते पैकेज ऑफर किए।’

एशियाई देशों के अलावा संभ्रांत वर्ग का रुझान अब यूरोप की तरफ भी बढ़ रहा है। कैनेडा व स्पेन जैसी जगहें भी लोगों का ध्यान खींच रही हैं। दिल्ली के ही व्यवसायी सेलीना और तौसिफ ने टोरंटो में शादी की। इनके अनुसार, ‘हमारे रिश्तेदार यहां बसे हुए हैं, जिसके कारण शादी की तैयारी काफी आसान हो गई। हमारी शादी पंजाब के रीति-रिवाज से प्रेरित थी, इसलिए भांगड़ा का इंतजाम किया। लोग कहते हैं कि शादियां स्वर्ग में तय हो जाती है, लेकिन आज की युवा पीढ़ी अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए नए तरीके अपना रही है और पृथ्वी को ही स्वर्ग में बदल रही है।

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