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पेरियार वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी दक्षिण भारत में वन्य जीवन की विविधता का बड़ा गढ़ है। इसकी स्थापना सन 1950 में की गई थी, जबकि टाइगर रिजर्व 1978 से शुरू किया गया। प्रभु की धरती कहे जाने वाले केरल के पश्चिमी तटों के मैदानी इलाकों में पेरियार राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व स्थित है। पेरियार सैंक्चुरी के बीचोंबीच एक विलक्षण नयनाभिराम झील है, जो सन 1895 में पेरियार नदी पर डैम बनाकर निकाली गई थी। वैसे तो यह टाइगर रिजर्व है, लेकिन पर्यटक यहां झील में हाथियों की जलक्रीड़ा देखने आते हैं।
पेरियार राष्ट्रीय उद्यान में कई आकर्षक वन्यजीवों को देखा जा सकता है। बाघों और हाथियों के अलावा पेरियार सैंक्चुरी में आप गौर, जंगली सुअर, सांभर, बार्किग डीयर, माउस डीयर व भारतीय जंगली कुत्ते भी देख सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक यहां 40 बाघ हैं। पेरियार में प्राइमेट्स की चार प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें शेर जैसी पूंछ वाले दुर्लभ वानर, नीलगिरी लंगूर, सामान्य लंगूर और बोनेट मकॉक शामिल हैं। दुर्लभ नीलगिरी टॉर, जो बहुत ही कम दिखाई पड़ता है, पेरियार में है।
पक्षियों में डाटर्स, कारमोरैन्ट्स, किंगफिशर, मालाबार, हॉर्नबिल और लंबी पूंछ वाले ड्रोगोंस मुख्य रूप से पाए जाते हैं। झील के किनारे चट्टानों पर लिजार्ड को देखा जा सकता है। घूमने वाले सैलानियों को सांप की दुर्लभ नस्लें, प्राय: पाइथन देखने को मिल जाते हैं और कभी-कभी कोबरा भी। पहाड़ों की वादियों में स्थित पेरियार सैंक्चुरी में प्रकाश कैनवस के सारे रंग बिखेरता है। जंगलों की नमी से आने वाली ठंडी हवा शांति और स्वच्छता का अनुभव कराती है तथा अपनी तरफ आकर्षित करती है।
कुमिली और क्रैडोमम
पेरियार से चार किमी दूर स्थित कुमिली एक बडे़ पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है, इस छोटे शहर का मुख्य व्यवसाय मसालों का है। यहां ठहरने के लिए अच्छे होटल और रिजॉर्ट हैं। पेरियार व कुमिली से आप केरल की खूबसूरती क्रैडोमम को देख सकते हैं। आपका गाइड आपको जीप या टैक्सी द्वारा क्रैडोमम हिल्स जाने को प्रेरित करेगा, यदि आप समूह में हैं तो एक अच्छी यात्रा पर खर्च भी कम पड़ेगा।
पेरियार सैंक्चुरी के वन्य जीवों को ठीक से देखने के लिए नाव की सवारी सबसे उपयुक्त साधन है। पेरियार सैंक्चुरी में पर्यटकों को लुभाने वाली अच्छी बोटिंग की सुविधा है। यद्यपि नाव से बहुत जानवर नहीं भी दिखाई देते हैं, लेकिन हाथियों के परिवार, जंगली और सांभर, हिरन पानी के किनारे देखने को मिलते हैं। नाव के ऊपरी भाग से जीव ठीक से दिखाई देते हैं, इसलिए उपयुक्त सीट पाने के लिए समय से आधा घंटा पहले पहुंचना जरूरी होता है। भारी वर्षा के बाद वन्यजीव बहुत कम दिखते हैं और जंगल का पानी सूखने पर ही झील की तरफ आते हैं।
उपयुक्त समय
पेरियार वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी जाने के लिए सबसे उपयुक्त समय है अक्टूबर से जून तक के महीने। पेरियार पहुंचने के लिए रेलमार्ग से आपको पहले कोट्टायम जाना होगा। वहां से पेरियार की दूरी 118 किमी है। कोट्टायम, अर्नाकुलम व मदुरै से चलने वाली बसें पेरियार के सबसे नजदीक शहर कुमिली तक जाती हैं। हवाई मार्ग से भी पेरियार पहुंच सकते हैं। नजदीकी हवाई अड्डे हैं कोच्चि व मदुरै। पेरियार दक्षिण की ऐसी खूबसूरत सैरगाह है, जहां एक बार आने के बाद सैलानी बार-बार आना चाहते हैं।
2 Responses to “बाघों के घर हाथियों की मौज पेरियार वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी”