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भारत बौद्ध पर्यटन सर्किट का विकास कर रहा है। भारत में बौद्ध धर्म से जुड़े कई प्रमुखतम स्थान हैं। लेकिन दुनिया में बौद्धों की आबादी का ज्यादातर हिस्सा भारत से बाहर रहता है। उसको पर्यटन के लिए लुभाने का इरादा ही इस सर्किट के विकास के पीछे है। सरकार 14 बौद्ध स्थलों व ढांचागत सुविधाएं के विकास के लिए पहले ही 57 करोड़ रुपये मंजूर कर चुकी है। उधर जापान अजंता-एलोरा के विकास के लिए 299 करोड़ रुपये दे रहा है। सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, सनकीसा और कपिलवस्तु के विकास के लिए भी उसने 395 करोड़ रुपये की मदद देने की रजामंदी दे दी। एक अध्ययन में कहा गया है कि अगर इन स्थानों का अच्छा विकास हो और वहां आने-जाने की सुविधाएं दुरुस्त हो जाएं तो भारत में पर्यटकों की संख्या में 400 फीसदी का इजाफा हो जाएगा।

स्विट्जरलैंड में भारतीयों के मजे

अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और विभिन्न गतिविधियों के चलते स्विट्जरलैंड जाने वाले भारतीयों की पहली पसंद बन गया है इंटरलेकन। इसी का मानो इस्तकबाल करते हुए अब इंटरलेकन ने भी भारतीयों को विशेष पैकेज उपलब्ध कराए हैं। इंटरलेकन में कुछ दिन रुकने वाले परिवारों के लिए तो विशेष फैमिली पैकेज हैं। इस पैकेज में बच्चों की ट्रेन पर विशेष फैमिली साइटसींग, बैलेनबर्ग ओपन एयर म्यूजियम में होर्स कैरिज की सवारी, स्पेशल फैमिली स्टोर के शॉपिंग वाउचर और इटरलेकन शहर की एक पहाड़ी हेमवेफ्लुह के लिए रोडेल राइड का शानदार अनुभव शामिल है। इंटरलेकन में रोमांचक गतिविधियों के लिए भी डिस्काउंट वाउचर भारतीय पर्यटकों को दिए जा रहे हैं। इस पैकेज के लिए द स्विस होलिडेज के मुंबई व दिल्ली कार्यालयों से संपर्क किया जा सकता है।

विदेश जाएं तो बीमा कराएं

बात अनिश्चितताओं की करें तो वह जीवन के हर मोड़ पर होती हैं लेकिन विदेश जाते समय एक चिंता इस बात की होती है कि आप अनजान लोगों के बीच अपरिचित माहौल में जा रहे होते हैं, जहां आपका कोई मददगार नही होगा। यात्रा बीमा इसी समय काम आता है। विदेश जाने वाले यात्रियों व पर्यटकों में इस बीमा का प्रचलन हाल में तेजी से बढ़ा है। जानकारों का कहना है कि यात्रा बीमा के क्षेत्र में 60 से 70 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह बीमा पॉलिसी विदेश यात्रा में पांच तरह की दिक्कतों व अनहोनियों को कवर करती है। इसमें वहां किसी बीमारी के दौरान अस्पताल में होने वाले खर्च की वापसी होती है। बीमा में दुर्घटना के चलते अपंगता या मृत्यु पर मुआवजा शामिल है। इनके अलावा विदेश में आम तौर पर सामने आने वाली परेशानियों- जैसे कि कागजात या सामान के खो जाने, सामान के हवाई यात्रा के दौरान देर से पहुंचने और आपके सामने कोई गैरइरादतन देनदारी खड़ी हो जाने के खर्च को भी शामिल किया गया है। यात्रा बीमा के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी ऑप्टिमा रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज के सीईओ राहुल अग्रवाल के अनुसार यात्रा बीमा कितना अहम है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि अब ज्यादातर पश्चिमी देश अपने यहां आने वाले विदेशियों को वीजा तब ही देते हैं जब उनके पास यात्रा बीमा होता है। वे कम से कम 30 हजार यूरो या 50 हजार डॉलर के यात्रा बीमा की अपेक्षा करते हैं। जोखिम देखते हुए इस बीमा का प्रीमियम भी बहुत ज्यादा नहीं होता। यूं तो प्रीमियम राशि यात्री की उम्र, देश और टिकने की अवधि पर निर्भर करती है, लेकिन एक सामान्य यात्रा के लिए प्रीमियम राशि महज छह सौ रुपये बैठती है। यात्रा समाप्त होते ही बीमा पॉलिसी भी खत्म हो जाती है। लिहाजा, अगली बार विदेश जाएं तो बीमा कराके जाएं।

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