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पश्चिम भारत के आर्टिकल्स
त्र्यंबकेश्वर : एक तीर्थ में तीनों देवों के दर्शन
भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिगों में श्री त्र्यंबकेश्वर का दसवां स्थान है। महाराष्ट्र में नासिक शहर से 35 किमी दूर गौतमी नदी के तट पर स्थित यह दिव्य स्थान ब्रह्मगिरि से सटा है। समुद्रतट से ढाई हजार फुट की ऊंचाई पर बसे त्रयंबक... आगे पढ़े
राजस्थान का दूसरा पहलू है झालावाड़
रणवीरों की शौर्यगाथाओं के लिए चर्चित राजस्थान पर्यटकों के बीच केवल रेगिस्तान, ऊंट और किलों के लिए ही जाना जाता है। हालांकि यहां रेगिस्तान के अलावा अरावली और विंध्य की पर्वतश्रृंखलाएं तो हैं ही, हरे-भरे खेतों वाले मैदान, नदी... आगे पढ़े
रहस्य-रोमांच से भरपूर जंगल की दुनिया
शहरों का भ्रमण इतिहास, कला, संस्कृति व तकनीक को जानने के लिए जितना महत्वपूर्ण है, प्रकृति और जीवन के विविध रंगों को देखने और महसूस करने के लिहाज से उतनी ही रोचक है जंगलों की यायावरी। वैसे भी शहरों की आपाधापी व शोरगुल से ऊबा मन... आगे पढ़े
कार्तिक माह की अमावस्या के गहरे अंधकार को भेदकर पूरे वातावरण को प्रकाश से जगमगा देने वाला ज्योति पर्व दीपावली भारत भूमि का महापर्व है। मान्यता है कि इस दिन धन-संपत्ति की देवी लक्ष्मी मृत्युलोक में विचरण करने आती हैं। मानव... आगे पढ़े
जोधपुर को कौन नहीं जानता हैं राजस्थान में ही पूरे विश्व में प्रसिद्ध जोधपुर अपनी अलग ही गाथा गाता है। पर्यटकों को देखने के लिए यहां पर कानरा झील, उम्मेद भवन आदि जगह पर विद्यमान है। जयपुर से 324 कि. मी. दूर बसा है यह शहर वीरों और राजपूतों... आगे पढ़े
गोवा बारह माह, चौबीस घण्टे पर्यटन
गोवा भारत के सबसे लोकप्रिय और सदाबहार पर्यटन स्थलों में शामिल है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण समुद्र तट, वैभवशाली अतीत की याद दिलाते कई किले, सांझी संस्कृति के परिचायक मंदिर व गिरजाघर, कला के बेहतरीन नमूने समेटे कला दीर्घाएं,... आगे पढ़े
सर्दी में सफर सौंदर्य और रोमांच का
जाड़े के दिनों में घूमने का मौका मिले तो आम भारतीय के मन में सबसे पहले समुद्रतट देखने की चाहत आती है। सागर का सौंदर्य देखने और वहां व्याप्त शांति को महसूस करने की इच्छा सबके भीतर होती है। अधिकतम लोगों को समुद्रतट पसंद होने की... आगे पढ़े
दूर-दूर तक फैले रेतीले धोरों का समन्दर बीकानेर
नाम लेते ही जैसे चलचित्र की भांति मानसपटल पर धोरांरी धरती, थार का निर्जन रेगिस्तान, मरुस्थल, रेतीली भूमि प्यासी धरती अकाल की मण्डराती काली छाया आदि विभिन्न रूपों में उभरता है। वही है बीकानेर। जो राजस्थान में क्षेत्रफल की... आगे पढ़े
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