

- Round Trip
- One Way


![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
Select Your Theme
Number of Guest
Specify ages of children at time of travel:
मुख पृष्ठ » दक्षिण भारत » केरल »
इलाज के लिए दुनिया के कई देशों से लोगों के भारत आने की परंपरा वैसे तो बहुत पुराने समय से चली आ रही है, परंतु इसे व्यवसाय का रूप अब जाकर मिल सका है। चिकित्सा के क्षेत्र में दुनिया की सबसे पुरानी विकसित विधियों में एक आयुर्वेद को स्वास्थ्य पर्यटन के तौर पर सुनियोजित रूप देने की प्रक्रिया यहां बमुश्किल एक दशक पहले शुरू हुई और सबसे पहले केरल ने इस पर गंभीरता से काम शुरू किया। वहां की अर्थव्यवस्था में इसके प्रभावी योगदान को देखते हुए ही अब केंद्र व अन्य राज्यों की सरकारों ने भी इस पर ध्यान देना शुरू किया है।
विकसित इन्फ्रास्ट्रक्चर
केरल में तो अब आयुर्वेद के जरिये स्वास्थ्यलाभ के लिए पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा चुका है। इधर आंध्र प्रदेश की सरकार भी इसे लेकर गंभीर है। कर्नाटक की सरकार भी इसके लिए पुरजोर कोशिशों में लगी हुई है। इधर फिक्की के पश्चिम क्षेत्रीय परिषद ने महाराष्ट्र में इसे बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यदल बनाया है, जो इस क्षेत्र में संभावनाओं की तलाश कर विशेष कार्ययोजना बनाएगा। हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास निगम व आयुर्वेद विभाग की साझेदारी में हर्बल मसाज व पंचकर्म चिकित्सा के लिए पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। तमिलनाडु, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और सिक्किम की सरकारें भी इसके प्रति गंभीर हैं।
सस्ती स्वास्थ्य सेवा
विदेशी पर्यटकों के इस आकर्षण का सबसे बड़ा कारण है विकसित देशों की तुलना में यहां स्वास्थ्य सेवाओं का सस्ता होना और इनमें आयुर्वेद ही नहीं एलोपैथ भी शामिल है। कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में हार्ट सर्जरी का खर्च करीब फ्0 हजार डॉलर आता है, जबकि यहां यह खर्च केवल म् हजार डॉलर है। इसी तरह बोन मैरो ट्रांसप्लांट अमेरिका में ढाई लाख डॉलर में होता है, जबकि भारत में केवल kuकुछ हजार डॉलर में हो जाता है। आयुर्वेद और योग की हमारी पारंपरिक पद्धति के दुनिया में और कहीं भी इतने सिद्धहस्त विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं। कनफेडरेशन को उम्मीद है कि इस क्षेत्र के विकास पर ध्यान दिया जाए तो आने वाले दिनों में भारत केवल स्वास्थ्यलाभ के लिए विदेशों से हर साल दस लाख पर्यटकों को आकर्षित कर सकेगा और हमारी इससे करीब पांच अरब डॉलर की आय हो सकती है। स्वास्थ्य पर्यटन के क्षेत्र में भारत के लिए अपार संभावनाओं को देखते हुए ही सीआईआई और निजी क्षेत्र की पर्यटन लॉबी इंडियन हेल्थकेयर फेडरेशन से भी मिलकर इस दिशा में कदम आगे बढ़ा रहे हैं।
One Response to “आयुर्वेद ने दिया पर्यटन को नया आयाम”