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मुख पृष्ठ » ओशेनिया » फिजी द्वीप समूह »
दुनिया में कई जगहें ऐसी हैं जिनकी फिजां में ही रूमानियत है, जहां की हर बात में एक खुशनुमा अहसास है। फिजी को प्रकृति ने ऐसी ही प्राकृतिक खूबसूरती भेंट की है। कल्पना कीजिए कि दक्षिण प्रशांत महासागर में आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड से थोड़ी दूर स्थित यह देश छोटे-मोटे 322 द्वीपों से बना है। इनमें से 106 तो पूरी तरह निर्जन हैं। इसके अलावा 522 टापू भी हैं। लेकिन देश की 87 फीसदी आबादी केवल दो द्वीपों-वीति लेवु (इसी पर राजधानी सुवा है) और वनुआ लेवु में रहती है।
प्रकृति प्रेमियों के इस स्वर्ग में हर तरफ अछूती सुंदरता बिखरी पड़ी है। मीलों लंबे पसरे सन्नाटे में आपको यहां औद्योगिक विकास का विनाश देखने को नहीं मिलेगा। आपको यहां न तो खतरनाक जानवर मिलेंगे, न ही जहरीले सांप, मकड़ी या कीड़े। और तो और फिजी मलेरिया से भी पूरी तरह मुक्त है। यहां की हर खासियत आपको न्योता सा देती प्रतीत होती है, चाहे आप रोमांस की तलाश में हों या रोमांच की, सुकून की या सांस्कृतिक विविधता, समुद्र पर उच्छृंखलता या महज इको-टूरिज्म की, यहां आपको हर सुख मिलेगा।
यहां के ज्यादातर द्वीपों पर पहाडि़यां हैं (अधिकतम 1300 मीटर ऊंचे) जिनपर घने जंगलों का बसेरा है। यसावा समूह के द्वीप यहां आने वाले सैलानियों के लिए सबसे प्रमुख आकर्षण हैं। नरम मूंगों के इंद्रधनुषी बगीचे और व्हाउट वाल पर स्कूबा ड्राइव का रोमांच यहां उपलब्ध है। यहां है 110 किलोमीटर लंबी प्रसिद्ध ग्रेट एस्ट्रोलैब रीफ जो धरती पर तीसरी सबसे लंबी समुद्री दीवार है। पानी के नीचे के इसी करिश्मे की वजह से फिजी के पापागेनो रिसॉर्ट को डाइविंग के लिए सबसे रोमांचक जगह माना जाता है। समुद्र के नीचे के जनजीवन को देखने के लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं। वहीं, फिजी में ही तवारुआ के तट पर उठने वाली क्लाउड ब्रेकर के नाम से मशहूर छह मीटर ऊंची लहर दुनियाभर से सर्फिग करने वालों को खींच लाती है।
लैगून के किनारे समुद्र में डूबते सूरज का आनंद
लेकिन यही वह जगह भी है जहां आप शांति व सुकून के साथ समुद्र की सैर कर सकते हैं, या किसी लैगून के किनारे बैठे समुद्र में डूबते सूरज को देख सकते हैं या जंगलों में तफरीह का मजा ले सकते हैं। फिजी ऐसी जगह है जहां पूरे साल रोज सूरज चमकता है। जब भी वहां बारिश होती है तो लोग उसमें भीगने का मजा लेने के लिए घरों से बाहर निकल पड़ते हैं। बारिश वहां जितनी तेजी से आती है, उतनी ही तेजी से रफा-दफा भी हो जाती है। यहां जिंदगी का मतलब केवल आनंद है। फिजी वह जगह है जहां लोग बालों में फूल लगाते हैं, दूसरों को दिखाने के लिए नहीं बल्कि इसलिए कि यह उन्हें पसंद है।
एक सदी तक ब्रिटेन के उपनिवेश रहे फिजी की मुख्य भाषा अंग्रेजी है लेकिन हमारे लिए और भी सुकून की बात यह है कि यहां हिंदुस्तानी (हिंदी-उर्दू की खिचड़ी) भी बड़ी तादाद में बोली जाती है। फिजी की मुद्रा डॉलर है। फिजी का एक डॉलर भारत के 27 रुपये के बराबर होता है।
सभी बैंकों व होटलों में मुद्रा विनिमय होता है। यहां लाए जाने वाली मुद्रा की कोई सीमा नहीं है और जितनी मुद्रा पर्यटक लेकर आते हैं, उतनी उन्हें वापस ले जाने की भी इजाजत है। यहां जाने के लिए आपके पास केवल एक वैध पासपोर्ट और वापसी अथवा आगे की यात्रा का टिकट होना चाहिए। भारत समेत ज्यादातर देशों के नागरिकों को यहां के लिए चार महीने तक का एंट्री वीजा पहुंचने पर मिल जाता है। द्वीपों के बीच सफर करने के लिए घरेलू विमानसेवा, हेलीकॉप्टर सेवा भी है और छोटे-बड़े जहाज व सीप्लेन भी। जमीनी इलाके में बसें, टैक्सी, वगैरह भी पर्याप्त हैं। यहां की बिना छत वाली बसों में घूमने का अलग ही मजा है।
कैसे पहुंचें
भारत से फिजी के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं। लेकिन कोरिया, आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड से फिजी पहुंचा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर आप दिल्ली से क्वांटास एयरलाइंस से सिडनी (वापसी किराया 27,350 रु. प्रति व्यक्ति) और वहां से फिजी की एयर पैसिफिक से नाडी (वापसी किराया 633 आस्ट्रेलियाई डॉलर, 1 आस्ट्रेलियाई डॉलर =35.3 रुपये) जा सकते हैं। नाडी फिजी का सबसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है। वैसे अमेरिका, कनाडा व जापान के लिए भी फिजी से सीधी उड़ानें हैं।