सुहाने सफर की ओर

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दुनिया का सबसे बड़ा रेस्तरां

सीरिया को पहले ही दुनिया के कई सबसे लजीज खानों के लिए जाना जाता है। अब उसकी खूबियों में एक और उपलब्धि जुड़ गई है-दुनिया का सबसे बड़ा रेस्तरां। राजधानी दमिश्क में बावाबेत दिमाश्क रेस्तरां को हाल ही में गिनीज बुक ने इस तमगे से नवाजा है। इसे दमिश्क गेट रेस्तरां के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि दमिश्क में पहले ही दमिश्क गेट नाम से एक गेट है, हमारे इंडिया गेट या गेटवे ऑफ इंडिया की ही तरह। पहले यह रिकॉर्ड बैंकाक के मांग गोर्न लुआंग रेस्तरां के नाम था जहां पांच हजार लोगों के एक साथ भोजन करने का इंतजाम है। लेकिन बावाबेत दिमाश्क में 6014 लोग एक साथ खाना खा सकते हैं। है न हैरतअंगेज. गिनीज बुक के अधिकारी इसी आधार पर फैसला करते हैं कि हर मेज पर बैठे लोगों की खिदमत की जाती रहे और इसके लिए उतने लोग और उतनी क्षमता वाली रसोई भी हो। गिनीज के अधिकारियों ने इस रेस्तरां की रसोई को किसी छोटी-मोटी फैक्टरी सरीखा माना है। कुल 54 हजार वर्गमीटर में फैले रेस्तरां की रसोई ढाई हजार वर्गमीटर की है। इतना बड़ा इलाका और इतनी मेजें हैं तो इतने ही बैरे-रसोइए भी तो चाहिए। लिहाजा पूरे साल यहां 1200 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। गरमियों में टूरिस्ट सीजन के चरम पर कर्मचारियों की संख्या 1800 तक पहुंच जाती है। जाहिर है कि काम को सरल बनाने के लिए रेस्तरां को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है और हर व्यक्ति के पास एक तयशुदा जिम्मेदारी है। रेस्तरां केवल अपनी विशालता के लिए ही नहीं बल्कि खाने के स्वाद के लिए भी जाना जाता है। स्वाद से कोई समझौता यहां नहीं है। रसोइए इतने सारे मेहमानों को खिलाने के लिए अपनी तेजी पर भी ध्यान रखते हैं। तेजी भी कोई मामूली नहीं, एक पकवान औसतन दो सेकेंड में तैयार हो जाता है। खास बात यह है कि यह रेस्तरां तीन ही साल पहले शुरू हुआ है।

इसे खड़ा करने में चार करोड़ डॉलर की लागत आई थी। इसलामी परंपराओं के अनुरूप इस रेस्तरां में शराब नहीं परोसी जाती लेकिन हिंदुस्तानी, चीनी, खाड़ी अरबी, ईरानी, पश्चिम एशियाई और सीरियाई खानों के लिए यहां अलग-अलग सेक्शन हैं। रेस्तरां के खुले आसमान वाले इलाके में झरने हैं, फव्वारे हैं और कई पुरातात्विक अवशेषों के प्रतिरूप भी।

दुबई में छुट्टियां

हर साल गरमियों में सैलानियों की खिदमत के लिए दुबई तैयार रहता है। दुबई समर सरप्राइज के आयोजन काफी लम्बा होता है और उनका इरादा देशी-विदेशी, दोनों तरह के सैलानियों को लुभाने का होता है। लिहाजा कला प्रदर्शनियां, थिएटर और आमोद-प्रमोद के तमाम कार्यक्रम होंगे। हर रोज एक नया आयोजन करने की योजना बनाई जाती है। जाहिर है कि कई नई तरह की चीजें सामने आएंगी। दुबई के कई सालाना पारंपरिक आयोजनों में इस बार कई अंतरराष्ट्रीय आयोजन भी जोड़े गए हैं। इनमें कई सिंड्रेला व जैक एंड द बीनस्टॉक जैसी परीकथाओं की थिएटर प्रस्तुतियां भी शामिल हैं। दुनियाभर के कलाकारों का संगम होगा आ‌र्ट्स ओएसिस के रूप में जहां दुनिया के कई जाने-माने कलाकारों से मिलने और उनके काम को देखने का मौका रहेगा। तमाम कला शैलियों को एक ही जगह पर देखने का यह दुर्लभ अवसर होगा। वहीं चॉकलेट के शौकीनों के लिए तो मजा ही मजा है। दुबई के सबसे माहिर पेस्ट्री शेफ चॉकलेट बनाने में अपना महारत का नमूना पेश करेंगे। चॉकलेट से बनने वाली हर चीज मिलेगी-चाहे चॉकलेट का झरना हो या चॉकलेटी कलाकृतियां। ये तो महज कुछ बानगियां हैं, दुबई में छुट्टियों के कई और मजे हैं जो वहां जाकर ही पता चलेंगे।

हांगकांग की लुभावनी गर्मियां

पिछले छह सालों में भारत से हांगकांग जाने वाले सैलानियों की संख्या में 70 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। 2007 में भारत से तीन लाख 17 हजार से ज्यादा पर्यटक हांगकांग गए। भारतीय सैलानी वहां जाकर खाली तफरीह नहीं करते बल्कि खुलकर खर्च भी करते हैं। गत वर्ष भारतीय सैलानियों ने हांगकांग में औसतन 4854 हांगकांग डॉलर (लगभग 27 हजार रुपये) खर्च किए। लिहाजा हांगकांग फिर से न्यौता दे रहा है, इस बार समर टेम्पटेशन के जरिये। हांगकांग टूरिज्म बोर्ड के विशेष आयोजन दौरान जमकर खरीदारी कीजिए और खूब खाइए-पीजिए। दोनों पर ही विशेष ऑफर आपको मिलने वाले हैं। वीजा क्रेडिट कार्ड की तरफ से मिलियन डॉलर लकी ड्रॉ है तो एक्सप्लोर हांगकांग स्टांप रैली में हिस्सा लेकर वहां की अनूठी संस्कृति को जाना जा सकता है। भारतीय पासपोर्टधारियों को हांगकांग में 14 दिन तक की सैर के लिए वीजा नहीं लेना पड़ता। दोनों देशों के बीच उड़ानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। पांच घंटे के इस हवाई सफर के लिए पिछले साल तक सप्ताह में केवल 20 ही उड़ानें थीं जो इस साल बढ़कर 74 हो गई हैं। हांगकांग अपने तमाम आकर्षणों- डिज्नीलैंड, ओशन पार्क, नोंग पिंग 360 और कई अन्य खूबियों के कारण फैमिली छुट्टियों की बेहद पसंदीदा जगह है। अमेरिका व यूरोप की कई जगहों का आनंद यहां कम खर्च में लूटा जा सकता है। हांगकांग के रास्ते चीन के मुख्य इलाके में भी जाया जा सकता है।

मालदीव में 11 नए द्वीपों पर रिसॉर्ट

कुल हजार से ज्यादा द्वीपों वाले देश मालदीव में 11 नए द्वीपों पर रिसॉर्ट विकसित किए जाएंगे। हिंद महासागर का यह अत्यंत खूबसूरत देश नीले समुद्र की सतह पर अपने खूबसूरत रिसॉर्ट के लिए दुनियाभर में लोकप्रिय है। लेकिन फिलहाल इसके कुछ ही द्वीपों पर सैलानियों के लिए रैनबसेरा है। इस समय 33 नए रिसॉर्ट द्वीप विकसित किए जा रहे हैं। नए 11 द्वीप इन्हीं में जुड़ जाएंगे। अभी आम तौर पर रिसॉर्ट उन द्वीपों में ज्यादा थे जहां आबादी कम है। लेकिन अब पहली बार स्थानीय समुदायों को पर्यटन से जोड़ने के लिए कुछ ज्यादा आबादी वाले द्वीपों के बाहरी सिरों पर रिसॉर्ट विकसित किए जा रहे हैं। इस समय ज्यादातर रिसॉर्ट में आधे से ज्यादा कर्मचारी एशिया व यूरोप के हिस्सों से आए लोग हैं। योजना स्थानीय लोगों को इसमें भागीदारी दिलाने की है। हालांकि रिसॉर्ट विकसित करने का काम विदेशी निवेशकों को सौंपा जाना है लेकिन अपनी तरफ से सरकार दस नए क्षेत्रीय हवाईअड्डे विकसित कर रही है ताकि द्वीपों के बीच आवाजाही तेजी से हो सके। श्रीलंका से महज सात सौ किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित मालदीव हाई-प्रोफाइल पर्यटन का बड़ा केंद्र है। यहां के कई संपन्न रिसॉर्ट में सैलानी गहरे नीले समुद्र पर बने लकड़ी के केबिन में रुकने और स्कूबा डाइविंग के लिए एक रात के 14,500 डॉलर (छह लाख रुपये से कुछ ही कम) तक खर्च करते हैं। है न अजूबा?

प्रकृति की गोद में रैनबसेरा

फूलों की घाटी पूरी दुनिया में न केवल प्रकृति प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध है बल्कि इसे यूनेस्को से विश्व विरासत का दरजा तक हासिल है। ठीक इसके बगल में है हेमकुंड साहिब जो न केवल गुरु गोविंद सिंह की साधना स्थली के कारण सिखों बल्कि लक्ष्मण मंदिर की वजह से हिंदुओं के लिए भी एक खासा महत्वपूर्ण स्थान हैं। दोनों ही जगह जाने वाले सैलानियों के लिए घांघरिया ही ठिकाना है। वहां कई होटल व गेस्ट हाउस हैं। लेकिन जो लोग दस-ग्यारह हजार फुट की ऊंचाई पर जाकर गेस्ट हाउस के बजाय प्रकृति के बीच ही रहना पसंद करते हैं उनके लिए सरोवर ग्रुप ऑफ होटल्स ने घांघरिया से थोड़ा ही पहले एक टेंट कॉलोनी बनाई है। कहने को ये टेंट हैं लेकिन यहां तमाम सुविधाएं चार सितारा होटल सरीखी मिलेंगी। यह टेंट कॉलोनी दरअसल सरोवर पोर्टिको, बद्रीनाथ की ही एक शाखा है। यहां टेंट में रहने का प्रति व्यक्ति किराया 2250 रुपये प्रति रात्रि है। इसमें सवेरे का नाश्ता शामिल है। देवदार के पेड़ों के बीच इतनी ऊंचाई पर टेंट कॉलोनी अनूठी ही है। इतना ही नहीं, आप चाहें तो यहां बद्रीनाथ या गोविंदघाट से हेलीकॉप्टर के जरिये भी पहुंच सकते हैं क्योंकि टेंट कॉलोनी से लगता हुआ ही हैलीपेड भी है।

ट्रैवल इंश्योरेंस के लिए क्लिक करें

सफर पर जा रहे हैं, खास तौर पर विदेश के सफर को तो ट्रैवल इंश्योरेंस अब महज विकल्प नहीं बल्कि जरूरत भी है। तमाम देशों में जाने के लिए इंश्योरेंस एक अनिवार्य शर्त है। इसलिए इसे भी अपनी विदेश यात्रा की तैयारियों में जरूर शामिल कर लें। लेकिन कई सारी इंश्योरेंस कंपनियों और कई सारी इंश्योरेंस पॉलिसियों के बीच आखिर अपने लिए मुनासिब इंश्योरेंस पॉलिसी की पहचान कैसे करें। लेंगे तो जांच-परख कर ही। इसी काम में आपकी मदद देने के लिए है एक वेबसाइट क्लिक2इंश्योर डॉट कॉम। यह ऑप्टिमा इंश्योरेंस की इंटरनेट शाखा है। ग्राहकों के लिए इसका फोकस तीन बातों पर है- क्लिक करें, तुलना करें और पॉलिसी खरीदें। वैसे यह साइट ट्रैवल के अलावा ऑटो, स्वास्थ्य, होम व जीवन बीमा के क्षेत्र में भी बीमा उत्पादों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराती है। साइट पर बीस से ज्यादा ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसियों की जानकारी है। मुख्य बात यह भी है कि आपके पास पॉलिसी ऑनलाइन ही खरीदने का भी विकल्प है। बिना किसी एजेंट के चक्कर में पड़े खुद उपलब्ध विकल्पों को समझना और उनमें चुनाव करना फायदेमंद तो है ही।

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