रेत के समंदर में सफारी

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मौसम गर्म हो रहा है। गर्म हो रही है थार के रेगिस्तान की रेत भी। लेकिन थार के पर्यटन वातावरण में गरमी हाल ही में एक और घटना से आई- और वह थी पहली डेजर्ट सफारी का उद्घाटन। यह हुआ जैसलमेर से 30 किलोमीटर दूर सम में। राजस्थान सरकार और राजस्थान पर्यटन की मदद से दुबई के लामा ग्रुप ने इस डेजर्ट सफारी की शुरुआत की है।

जैसलमेर रेगिस्तान तो है लेकिन शहर के आसपास आपको रेत के टीले उस तरह से नहीं मिलेंगे, जैसे आप फोटो या फिल्मों में देखते हैं। रेत का वह समुद्र देखने के लिए आपको जैसलमेर से 42 किलोमीटर दूर सम जाना पडेगा। सम सैंड ड्यून्स के लिए मशहूर हैं। यहां का अनुभव वाकई बिरला होता है। वैसा ही जैसे कोई दार्जीलिंग जाकर अलस्सुबह सूर्योदय देखने के लिए टाइगर हिल की ओर दौड पडता है या कन्याकुमारी में समुद्र में डूबते सूरज देखने को देखने के लिए जनसमुद्र उमड पडता है। सम सैलानी रेत में पिघलते सूरज को देखने के लिए जाते हैं। रेत का यही आकर्षण है कि अब कई होटल व रिजॉर्ट सम के आसपास बन गए हैं। लामा टूर्स एंड क्रूज प्राइवेट लिमिटेड की डेजर्ट सफारी ऐसे ही सम पर होती है। जैसलमेर से रवाना होकर सफारी सम के रेत टीलों के ठीक मुहाने पर पहुंचकर विराम लेती है- जीपों के टायरों की हवा कम करने के लिए।

लामा हैरिटेज विलेज

सफारी का असली अनुभव यहीं से शुरू होता है जब सम के सुनहरे टीलों पर आपकी जीप चढाइयां चढती और उतरती है। इसी सफर के बाद आप टीलों के बीचों-बीच स्थित लामा हैरिटेज विलेज में पहुंचते हैं। यहां बीचों-बीच का आशय रेगिस्तान के बीचों-बीच से कतई नहीं है क्योंकि सम से तो दरअसल थार के रेगिस्तान का अनंत विस्तार शुरू होता है। हां, लामा हैरिटेज विलेज उसका अहसास जरूर देता है क्योंकि वहां जहां भी आप नजर दौडाएं, रेत ही रेत नजर आती है। यह अनुभव वाकई अद्भुत होता है। उस पर अगर शाम को चांदनी छाई हो तो उसका सुरूर ही अलग होता है। वैसे लामा हैरिटेज विलेज में पहुंचने के बाद ऊंट की सवारी कर सकते हैं (रेगिस्तान में आकर उसका अनुभव न किया तो कोई फायदा नहीं), हुक्का आजमा सकते हैं या केवल राजस्थानी पोशाकें पहनकर फोटो खिंचा सकते हैं। अंधेरा गहराने लगे तो रावणहत्था की मदमस्त तानों और कालबेलिया नाच के बीच खालिस राजस्थानी खाने के स्वाद.. वाह, क्या बात है।

कुछ खास बातें

लामा की डेजर्ट सफारी में फिलहाल रात काटने की सुविधा नहीं है। लेकिन दो तरह की सफारी उपलब्ध हैं- डे सफारी जो सवेरे 9 बजे से 12 बजे तक होती है और ड्यून डिनर सफारी जो दोपहर साढे तीन बजे से लेकर रात साढे नौ बजे तक होती है। दिन की सफारी का किराया बडों के लिए ढाई हजार रुपये और बच्चों (3-10 साल) के लिए डेढ हजार रुपये है। वहीं शाम की सफारी में बडों का किराया साढे तीन हजार रुपये और बच्चों का ढाई हजार रुपये है। सफारी यूं तो जीपों पर होगी, लेकिन आप थोडा एडवेंचर करना चाहें तो क्वाड बाइक लेकर रेत पर बाइकिंग भी कर सकते हैं। रेगिस्तान का मजा लेने के लिए जैसलमेर जाने वाले देशी-विदेशी सैलानियों की कोई कमी नहीं। लेकिन डेजर्ट सफारी रेगिस्तान के रोमांच को एक नया आयाम जरूर देगी। अभी तो समूचे उत्तर भारत में गरमी तेजी पकड रही है, लिहाजा रेत में तपिश होगी। लेकिन अगले सीजन में इसे आजमाइएगा जरूर।

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